Traceability System in Dairy सिंथेटिक प्रोडक्ट के चलते डेयरी प्रोडक्ट पर सबसे ज्यादा सवाल उठने लगे हैं. दूध हो या फिर पनीर सिंथेटिक का खौफ आम हो गया है. मिलावट और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट के नाम पर भी खूब धोखाधड़ी हो रही है. और तो और गाय-भैस के दूध के नाम पर भी ठगी हो रही है. ए1 और ए2 मिल्क की लड़ाई पर बड़ी होती जा रही है. यही वजह है कि अब डेयरी प्रोडक्ट का ग्राहक दूध-दही और घी-मक्खन खरीदते वक्त उससे जुड़ी पूरी जानकारी चाहता है. ग्राहक को अब घी के पैकेट पर सिर्फ पैकिंग कब हुई है और कब तक इस्तेमाल कर सकते हैं ये जानकारी नहीं चाहिए.
डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो घी खरीदने वाले ग्राहक को अब दूध देने वाली गाय से लेकर घी कहां बना इस तक की जानकारी चाहिए. इसी को ट्रेसेबिलिटी सिस्टम कहा जाता है. ट्रेसेबिलिटी सिस्टम के चलते ही प्रोडक्ट पर विश्वास बढ़ता और मुनाफा भी अच्छा खासा मिल जाता है.
डेयरी-पशुपालन में ऐसे काम कर रहा है एआई
- एआई की मदद से आज दूध की लागत 10 फीसद तक कम हो चुकी है.
- डेयरी-पशुपालन में आज एआई की मदद से हर एक मिनट का डाटा स्टोर किया जा रहा है.
- अभी तक पशुपालन-डेयरी में कहीं भी एक जगह डाटा स्टोर नहीं किया जाता था.
- एआई का इस्तेमाल होने के बाद पशुपालन-डेयरी सेक्टर में एक बड़ा बदलाव आने वाला है.
- एआई की मदद से पशुओं की चारे की जरूरत का पता लगाया जा रहा है.
- एआई की मदद से ही पशुओं की बीमारियों को कंट्रोल किया जा रहा है.
एआई की मदद से चल रहा है ट्रेसेबिलिटी सिस्टम
- ट्रेसेबिलिटी सिस्टम से प्रोडक्ट की पूरी जानकारी मिल जाती है.
- किस नस्ल की गाय ने कहां पर दूध दिया है ये पता चल जाता है.
- दूध देने वाली गाय को बीमारियों के सभी टीके लगे हैं या नहीं.
- गाय को कौन-कौनसी बीमारियां हो चुकी हैं.
- गाय के दूध में फैट और प्रोटीन की मात्रा कितनी है.
- दूध देने वाली गाय का फैमिली ट्री क्या है.
- गाय किस शहर और राज्य में पाली जा रही है.
- गाय को खाने में क्या-क्या दिया जा रहा है.
- दूध से घी कहां पर और कब बना है.
- के कौन-कौन से टेस्ट हुए हैं.
दूध की लागत कम कर देता है एआई
- पशुपालन, मुर्गी और मछली पालन सभी में सबसे जयादा लागत चारे और दाने पर आती है.
- पशुपालन में तो पशुओं को हरे-सूखे चारे के साथ ही मिनरल्स भी दिए जाते हैं.
- प्रति पशु दूध उत्पादन के मामले में हमारा देश बहुत पीछे है.
- एआई का इस्तेमाल किया जाए तो लागत कम कर प्रति पशु उत्पादन बढ़ाया जा सकता है.
- एआई की मदद से पशुओं की हैल्थ मॉनिटरिंग की जाती है.
- दूध देने वाली भैंस की उम्र, वजन, हर रोज दिए जाने वाले दूध की मात्रा नोट की जाती है.
- आंकड़े जमा करने के बाद इसी आधार पर पशु की खुराक तय की जाती है.
- गाय-भैंस की खुराक में कितना हरा चारा देना है या फिर कितना सूखा चारा खिलाना है.
- खुराक में शामिल किए जाने वाले मिनरल्स की मात्रा भी एआई के आंकड़े तय करते हैं.
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