यूपी के किसान का गजब जुगाड़, तालाब में केले का पत्ता डालकर बढ़ाते हैं मछलियों का वजन

यूपी के किसान का गजब जुगाड़, तालाब में केले का पत्ता डालकर बढ़ाते हैं मछलियों का वजन

यूपी के एक किसान कृश ने बताया कि वे किस तरह से तालाब में मछलियों का पालन देसी जुगाड़ से करते हैं. इस जुगाड़ से उनका मछली पालन का पेशा आसान, सस्ता और टिकाऊ बनता है. कृश ने बताया कि उनके तालाब में अक्सर ऑक्सीजन घटने की समस्या देखी जाती है. इससे मछलियों के मरने का खतरा बढ़ जाता है. जब भी ऐसा होता है तो मछलियां पानी के ऊपरी सतह पर तैरने लगती हैं.

क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 24, 2024,
  • Updated Dec 24, 2024, 5:54 PM IST

मछली पालन करने वालों को पता होता है कि तालाब को स्वच्छ रखना कितना जरूरी होता है. अगर तालाब गंदा होगा तो उसमें ऑक्सीजन का स्तर गिर जाता है. इससे मछलियों को सांस लेने में दिक्कत आती है. सांस लेने में दिक्कत आने से मछलियों की मौत हो सकती है. इसलिए बहुत जरूरी है कि मछली पालन करने वाले किसान तालाब को साफ-सुथरा रखें. बहुत जरूरी है कि किसान तालाब के पानी में ऑक्सीजन का स्तर अधिक बनाए रखें. लेकिन किसी कारण से ऑक्सीजन का स्तर पानी में गिर जाए तो क्या करें? आइए जानते हैं.

आप किसान हैं तो आपको पता होगा कि खेती में देसी जुगाड़ बहुत काम आता है. यह जुगाड़ इतना कारगर होता है कि जो काम बड़ी और महंगी मशीनें नहीं कर सकतीं, जो काम महंगी दवाएं और स्प्रे नहीं कर सकते. वह काम बिना खर्च वाला देसी जुगाड़ कर सकता है. ऐसा जुगाड़ मछली पालन में भी काम आता है. आइए एक ऐसे ही जुगाड़ के बारे में जान लेते हैं.

यूपी के किसान का गजब जुगाड़

यूपी के एक किसान कृश ने बताया कि वे किस तरह से तालाब में मछलियों का पालन देसी जुगाड़ से करते हैं. इस जुगाड़ से उनका मछली पालन का पेशा आसान, सस्ता और टिकाऊ बनता है. कृश ने बताया कि उनके तालाब में अक्सर ऑक्सीजन घटने की समस्या देखी जाती है. इससे मछलियों के मरने का खतरा बढ़ जाता है. जब भी ऐसा होता है तो मछलियां पानी के ऊपरी सतह पर तैरने लगती हैं.

इस स्थिति में मछलियों के मरने के साथ ही उनका शिकार हो जाने का भी खतरा होता है. इसके लिए कृश ने एक बेहद आसान जुगाड़ अपनाया. वे इस जुगाड़ को अब भी अपना रहे हैं. दरअसल, तालाब के पानी में जब भी ऑक्सीजन का स्तर गिरता है, कृश उसमें केले के पत्ते डालते हैं. इससे पानी में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ जाता है और मछलियां तंदुरुस्त हो जाती हैं.

इस जुगाड़ के बारे में कृश ने बताया कि वे मछलियों की समस्या को लेकर कृषि विज्ञान केंद्र, गौतम बुद्धनगर में वैज्ञानिकों से मिले थे. वहां उन्हें केले के पत्ते का आइडिया दिया गया. इस आइडिया के आधार पर कृश ने तालाब में केले के पत्ते डाले और उसका बेहद अच्छा रिजल्ट मिला. कृश बताते हैं कि उन्होंने केले के पत्ते सुखाकर पानी में डाल दिए. इससे ऑक्सीजन बढ़ाने में मदद मिली और मछलियां स्वस्थ हो गईं.

इन बातों का ध्यान रखें किसान

कृश के मुताबिक, केले के पत्ते में हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि उसे थोड़ा धूप लगा लेना है. उसे थोड़ा सुखाकर ही पानी में डालना है. अगर सुखाएंगे नहीं तो पानी में पत्ता सड़ सकता है और इससे पानी गंदा हो सकता है. ऐसी स्थिति में मछलियों को नुकसान हो सकता है. पत्ते सड़ने से पानी गंदा होगा और उससे ऑक्सीनज का स्तर गिरेगा. ऐसी स्थिति में मछलियां मर भी सकती हैं. 

इससे बचने के लिए हमेशा केले के ताजे पत्ते लें, लेकिन उसे थोड़ा सुखाकर पानी में डालें. इससे ऑक्सीजन का स्तर बढ़ेगा, मछलियां सेहतमंद होंगी, उनका वजन बढ़ेगा और किसान की कमाई बढ़ेगी.

 

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