देश में दूध का कारोबार तेजी से फैल रहा है. गांव से लेकर शहर तक में लोग दूध और इससे बने उत्पाद बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. वहीं, सरकार भी पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए पशुपालकों को बड़े स्तर पर सब्सिडी दी जा रही है. लेकिन इसके बावजूद भी कई किसान इस बिजनेस में उतना मुनाफा नहीं कमा पा रहे हैं, क्योंकि उन्हें पशुपालन और ज्यादा दूध देने वाली गायों की नस्लों के बारे में जानकारी हैं. ऐसे में आज हम गायों की टॉप तीन बेहतरीन नस्लों के बारे में बात करेंगे, जो पूरे विश्व में दूध देने की क्षमता के लिए जानी जाती हैं. अगर किसान इन नस्ल की गायों का पालन करते हैं, वे दूध का बंपर उत्पादन करेंगे. इससे उन्हें अच्छी कमाई भी होगी.
गिर गाय: यह गाय ज्यादा दूध देने के लिए पूरी दुनिया में फेमस है. इसका मूल स्थान गुजरात है. लेकिन अब पूरे देश में किसान इसका पालन कर रहे हैं. खास बात यह है कि गिर गाय का दूध भी सामान्य देसी गायों के मुकाबले ज्यादा महंगा बिकता है. साथ ही इसके घी की मांग भी मार्केट में ज्यादा है. अभी मार्केट गिर गाय के एक लीटर दूध का दाम 100 रुपये से ज्यादा है. ऐसे गिर गाय औसतन रोज 12 से 20 लीटर तक दूध देती है. यदि इनका सही तरह से पालन किया गया तो, यह 50 लीटर तक भी रोज दूध दे सकती है. अगर आप इस नस्ल के तीन से चार गाय पालते हैं, तो महीने में दूध बेचकर कम से कम 30 से 40 हजार रुपये तक की कमाई कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें- आंदोलन पर 22 जुलाई को बड़ा ऐलान करेंगे किसान नेता, MSP समेत अन्य मांगों पर सरकार को घेरने की तैयारी
साहिवाल गाय: साहिलवाल गाय भी गिर की तरह से दूध देने के लिए जानी जाती है. खास कर यह है कि आम किसानों में बहुत ही लोकप्रिय है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और हरियाणा में किसान बड़े स्तर पर साहिवाल का पालन कर रहे हैं. साहिवाल गाय औसतन रोज 10 से 15 लीटर तक दूध देती है. अगर आप इसे अच्छा खुराक देते हैं, तो यह रोजाना 30 लीटर तक भी दूध दे सकती है. ऐसे साहिवाल गाय में गर्मी सहने की अच्छी क्षमता होती है. यही वजह है कि भारत से इसका अफ्रीका और कई कैरेबियाई देशों में भी निर्यात किया जाता है. यह एक ब्यान्त में औसतन 1350 किलो तक देती है.
लाल सिंधी गाय: इस नस्ल की गाय भी अधिक दूध देने के लिए जानी जाती है. यह रोजना 12 से 20 लीटर तक दूध देती है. लेकिन सही तरह से इसकी देखरेख की गई, तो दूध उत्पादन में बढ़ोतरी भी हो सकती है. ऐसे इस गाय का मूल स्थान पाकिस्तान का बलूचिस्तान इलाका है. लेकिन अब इसका पूरे देश में पालन किया जा रहा है. हरियाणा, पंजाब, ओडिशा, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में इस नस्ल की गायों की संख्या ज्यादा है. वहीं इस गाय का रंग थोड़ा लाल होता है. एक ब्यान्त में यह औसतन 1840 लीटर तक दूध देती है. अगर किसान इसका पालन करते हैं, अच्छी कमाई होगी.
ये भी पढ़ें- UP Weather Today: चिपचिपी गर्मी से आज मिलेगी राहत, लखनऊ समेत UP के इन जिलों में बारिश की चेतावनी