Diarrhea in Poultry Bird मौसम कोई भी हो, लेकिन मुर्गे-मुर्गियों को दस्त जैसी गंभीर बीमारी कभी भी चपेट में ले लेती है. कई बार तो दो-चार मुर्गियों में होने वाले दस्त पूरे पोल्ट्री फार्म में फैल जाते हैं. इसके चलते मुर्गे-मुर्गियों की ग्रोथ रुक जाती है. उत्पादन भी घट जाता है. कई बार दस्त जैसी मामूली दिखने वाली बीमारी जानलेवा हो जाती है. दस्त के चलते ही मुर्गियों की मौत तक हो जाती है. पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि कभी भी दस्त को हल्के में नहीं लेना चाहिए. ये कई तरह के होते हैं. इसलिए जैसे ही मुर्गियों में दस्त के लक्षण दिखाई दें तो फौरन ही डॉक्टर की सलाह पर मुर्गियों का इलाज शुरू कर दें.
क्योंकि इलाज में जितनी देरी की जाएगी तो पोल्ट्री फार्म की लागत उतनी ही बढ़ती जाएगी. इलाज का खर्च लागत को बढ़ा देता है. दस्त होने पर मुर्गियां कुछ खाती नहीं हैं. उनका पाचन सिस्टम बिगड़ चुका होता है. ये जरूरी नहीं है कि फीड देने में बरती गई लापरवाही के चलते ही दस्त होते हैं. कई बार मॉनसून में संक्रमण के चलते भी दस्त लग जाते हैं.
पानीदार या ढीली बूंदें.
दुर्गंधयुक्त मल.
कमज़ोरी और सुस्ती.
भूख न लगना.
निर्जलीकरण.
बार-बार दस्त के कारण गंदा वेंट क्षेत्र.
मुर्गी पालन में अंडे का उत्पादन कम होना.
पंख उखड़ना और कुल मिलाकर खराब दिखना.
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