नीलगायों से छुटकारा दिलाएंगे आपके ग्राम प्रधान, एक्सपर्ट शूटरों का करेंगे इंतजाम

नीलगायों से छुटकारा दिलाएंगे आपके ग्राम प्रधान, एक्सपर्ट शूटरों का करेंगे इंतजाम

देश के कई राज्यों में निलगाय और जंगली जानवरों का आतंक तेजी से बढ़ता जा रहा है. इसी को देखते हुए बिहार सरकार ने अब नीलगायों से छुटकारा दिलाने का काम ग्राम प्रधान को सौंपा है, जो एक्सपर्ट शूटरों का इंतजाम करके किसानों की फसलों को नुकसान से बचाएंगे.

नीलगायों से छुटकारा दिलाएंगे ग्राम प्रधाननीलगायों से छुटकारा दिलाएंगे ग्राम प्रधान
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 31, 2024,
  • Updated Jul 31, 2024, 12:05 PM IST

नीलगाय देश में फसलों के नुकसान का पर्याय बनती जा रही है. बदलते समय में नीलगाय अब जंगलों को छोड़कर लगभग देश के हर राज्य में दिख जाएगी. वहीं उनका आतंक भी दिन पर दिन तेजी से बढ़ता जा रहा है. इससे कई राज्यों के किसान फसलों की नुकसान को लेकर काफी परेशान हो गए हैं. किसानों की अक्सर शिकायत रहती है कि उनकी फसलें नीलगाय नष्ट कर देती हैं. इससे उनका आर्थिक तौर पर बेहद नुकसान हो जाता है, जिसे लेकर वे काफी चिंतित रहते हैं. लेकिन किसानों की ऐसी चिंताओं से अब छुटकारा मिलने वाला है. ऐसी ही एक खबर बिहार से है जहां नीलगायों से छुटकारा दिलाने का काम ग्राम प्रधान को सौंपा गया है, जो एक्सपर्ट शूटरों का इंतजाम करके किसानों की फसलों को नुकसान से बचाएंगे.

मुखिया लेंगे शिकार का निर्णय

आपको बता दें कि बिहार के वन क्षेत्र के बाहर की जमीन पर फसलों की सुरक्षा के लिए जंगली जानवरों के शिकार का निर्णय अब स्थानीय मुखिया अपने हिसाब से ले सकेंगे. ग्राम प्रधान यानी कि मुखिया इसके लिए एक्सपर्ट शूटर को चिट्ठी भेज कर बुलाएंगे और ऐसे जानवरों का शिकार करवा सकेंगे. इस संबंध में राज्य सरकार ने बहुत पहले अधिसूचना जारी कर दी है. इसके बाद अब जानवरों से फसलों की सुरक्षा के बारे में निर्णय लेने के लिए फॉरेस्ट अधिकारियों पर मुखिया निर्भर नहीं रह गए हैं.

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इस जिले में काम हो चुका है शुरू

सरकार की नई व्यवस्था पर बिहार के वैशाली जिले में ये काम शुरू हो चुका है. वहीं, वन क्षेत्र के अंदर की जमीन पर फसलों की सुरक्षा के लिए जानवरों का शिकार करवाने के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारियों की अनुमति लेनी होगी. इसमें मुख्य रूप से डीएफओ शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार, राज्य के कई हिस्सों में नीलगाय और जंगली सूअर से खड़ी फसलों की क्षति की शिकायतें मिलती रही हैं. इसे देखते हुए नीलगायों के शिकार का निर्णय लिया गया है.

इन जिलों में शिकार का फैसला 

इनमें मुख्य रूप से मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, वैशाली, बक्सर, भोजपुर आदि शामिल हैं. पहले फसलों को बचाने के लिए वन विभाग के कम-से-कम डीएफओ स्तर के अधिकारी ही जानवरों के शिकार का निर्णय ले सकते थे. लेकिन इस प्रक्रिया में समय लग जाता था. ऐसे में राष्ट्रीय वन्य प्राणी परिषद ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि फसलों को बचाने के लिए जानवरों का शिकार करने का फैसला लेने का अधिकार पंचायती राज संस्थाओं को दिया जाए. इसके बाद वन विभाग के बाहर फसलों के नुकसान के बारे में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की पहल पर राज्य सरकार ने मुखिया को निर्णय लेने का अधिकार दे दिया है.

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