सर्दियों में ठंडी हवाएं सिर्फ इंसानों को नहीं बल्कि दुधारू पशुओं को भी प्रभावित करती हैं. सर्दी का मौसम जैसे-जैसे नजदीक आता है वैसे-वैसे दूध देने वाले पशुओं की देखभाल और भी जरूरी हो जाती है. इस समय तापमान गिरने के साथ दूध उत्पादन में कमी आना एक आम समस्या है, लेकिन कुछ घरेलू उपायों से इस समस्या को आसानी से हल किया जा सकता है. एनिमल एक्सपर्ट बताते हैं कि अगर पशुपालक थोड़ी सावधानी बरतें और पशुओं को संतुलित आहार दें तो ठंड के मौसम में भी दूध की मात्रा और क्वालिटी दोनों बनी रह सकती हैं. आइए जानते हैं कौन से हैं वो घरेलू उपाय.
एनिमल एक्सपर्ट के अनुसार, ठंड के मौसम में पशुओं को गुनगुना पानी पिलाना बेहद जरूरी होता है. इसके अलावा उन्हें सूखी और गर्म जगह पर रखना चाहिए ताकि वे ठंड से बच सकें. वहीं, आहार की बात करें तो सरसों की खली, गुड़ और चना जैसी चीज़ें उनके शरीर को ताकत देती हैं और दूध उत्पादन बढ़ाती हैं. इसके अलावा सर्दियों में दूध बढ़ाने के लिए पशुओं को हरा चारा जैसे बरसीम, लोबिया और नेपियर घास खिलाना फायदेमंद रहता है. ये घास प्रोटीन और खनिजों से भरपूर होते हैं. साथ ही पशुओं को गेहूं का दलिया, मक्का, जौ, बिनोला, चना, और सरसों या मूंगफली की खली जैसे अनाज भी खिला सकते हैं.
ठंड में पशुओं को घरेलू उपाय के तौर पर गुड़, मेथी, अजवाइन, जीरा और कच्चा नारियल मिलाकर मिश्रण तैयार किया करें. फिर उस मिश्रण को पशुओं को खिलाएं जो शरीर को गर्मी और ताकत देता है. पशुओं को सामान्य दिनों की तुलना में ठंड के दिनों में थोड़ा अधिक चारा देना चाहिए. वहीं, विशेषज्ञों के अनुसार 60 फीसदी से अधिक पाचन क्षमता वाला चारा देना सबसे उपयुक्त रहता है.
एनिमल एक्सपर्ट कि मानें तो संतुलित आहार में खनिज मिश्रण और एनर्जी बूस्टर जोड़ने से दूध उत्पादन में गिरावट नहीं आती. अगर पशुपालक नियमित रूप से ये देसी और घरेलू उपाय अपनाएं तो ठंड के मौसम में भी दूध की क्वालिटी और मात्रा दोनों बरकरार रखी जा सकती हैं.
ठंड के मौसम में तापमान गिरने से पशुओं की ऊर्जा का बड़ा हिस्सा शरीर को गर्म रखने में खर्च होता है. ऐसे में उनके पास दूध उत्पादन के लिए पर्याप्त ऊर्जा नहीं बचता. इसके अलावा ठंड और नमी के कारण पशु बीमारियों जैसे निमोनिया और जुकाम का शिकार हो सकते हैं. ऐसे में ठंड में बचाव के लिए पशुओं की डिवर्मिंग (कृमिनाशक दवा) ज़रूर करानी चाहिएस क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य और दूध उत्पादन दोनों को बेहतर करती है.