Goat Farming: बकरी पालन शुरू करने से पहले पढ़ लें ये 20 जरूरी बातें

Goat Farming: बकरी पालन शुरू करने से पहले पढ़ लें ये 20 जरूरी बातें

देश में बढ़ते बकरी पालन का एक प्रमाण ये भी है कि एक वक्त में नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत आने वाले 14 हजार आवेदन पत्रों की संख्या में 12 हजार आवेदन पत्र बकरी पालन से जुड़े हुए थे. आज देश में बकरी पालन दूध और मीट के साथ-साथ ब्रीडिंग सेंटर के रूप में भी किया जा रहा है. 

बकरियों में रोग और रोकथाम
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • May 06, 2024,
  • Updated May 06, 2024, 5:02 PM IST

गाय-भैंस के मुकाबले आज देश में बकरी पालन बहुत तेजी से बढ़ रहा है. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो इसके पीछ़े एक बड़ी वजह गाय-भैंस के मुकाबले इसका सस्ता होना भी है. आज जहां दूध देने वाली भैंस 80 हजार रुपये से लेकर एक लाख तक की आती है तो वहीं अच्छी नस्ल की बकरी 12 से 15 हजार रुपये तक की मिल जाती है. आज बड़ी-बड़ी डिग्री वाले भी बकरी पालन कर रहे हैं. बकरी पालन की ट्रेनिंग लेने वालों में 60 फीसद से ज्यादा लोग ग्रेजुएट और उच्च शिक्षित हैं. अगर आप भी बकरी पालन करने का प्लान बना रहे हैं तो खासतौर पर इन 20 बातों पर जरूर ध्यान देना होगा. 

एक सच्चाई ये भी है कि बकरी पालन की ट्रेनिंग के लिए हमेशा 250 से 300 लोग वेटिंग में रहते हैं. बकरी पालन अब चार-पांच बकरियों का नहीं रह गया है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के रिकॉर्ड पर जाएं तो आईआईटी से पास आउट और रिटायर्ड आईएएस-आईपीएस भी बकरी पालन कर रहे हैं. नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत पशुपालन के लिए लोन दिया जाता है.  

ये भी पढ़ें: Feed-Fodder: भैंस को दाना-चारा खिलाते वक्त रखें इन 16 बातों का ख्याल, पढ़ें CIRB की रिपोर्ट

गोट फार्म खोलने से पहले पढ़ें ये टिप्स  

जैसा की हमने ऊपर बताया कि बकरी पालन खासतौर पर दूध और मीट के लिए किया जाता है. इसलिए ये जान लेना बेहद जरूरी है कि दूध के लिए बकरी की कौनसी नस्ल कितना दूध देती है. वहीं मीट के लिए किस नस्ल के बकरे पालने में ज्या‍दा मुनाफा होगा. 

दूध वाली बकरी-

ब्लैक बंगाल- 750 ग्राम तक रोजाना 

एक बार में तीन से चार बच्चे देती है. 

बीटल- तीन से चार लीटर दूध देती है रोजाना. 

बरबरी- एक से 2.5 लीटर दूध रोजाना देती है. 

जखराना, सिरोही, तोतापरी, सोजर और सुरती दो से तीन लीटर दूध रोजाना देती है. 

मीट वाले बकरे- 

वैसे तो हर नस्ल के बकरे का मीट बाजार में बिकता है. 

लेकिन बरबरी और ब्लैक बंगाल के मीट की डिमांड रहती है. 

कैसा हो बकरी आवास-

25 से 30 बकरियों के लिए 20 फीट लम्बे और 20 फीट चौड़े हॉल की जरूरत होती है. 

फर्श कच्चा होना चाहिए, जिससे यूरिन जमीन में चला जाए. 

फर्श की मिट्टी भुर-भुरी मतलब रेत जैसी होनी चाहिए. 

यूरिन और मेंगनी से मीथेन गैस निकलती है. 

मीथेन गैस का असर 1.5 से दो फीट की ऊंचाई तक रहता है. 

इतनी हाइट पर जब बकरी इसे इन्हेल करती है तो बीमार हो जाती है. 

100 बकरी पर एक महीने में एक ट्रॉली मेंगनी निकलती है. 

मेंगनी से भरी एक ट्रॉली एक हजार रुपये की बिकती है. 

ये भी पढ़ें: Breeder Bull: AI से गाय-भैंस को गाभिन कराने के लिए ब्रीडर सांड की ऐसे करनी होगी देखभाल

बकरी  की खुराक-

हरा चारा- 1 से 1.25 किलो तक 

भूसा- 1किलो 

मक्का, बाजारा, दाल की चूनी, सोयाबीन और मूंगफली केक 350 ग्राम. 

 

MORE NEWS

Read more!