राजस्थान में बहुत जल्द सेक्स सोर्टेड सीमन लैब खोली जाएगी. यह लैब जयपुर के बस्सी स्थित सीमन बैंक परिसर में स्थापित की जाएगी. हालांकि अभी इसकी कोई तय तारीख सामने नहीं आई है, लेकिन पशुपालन विभाग के शासन सचिव के मुताबिक इसकी कार्यवाही जल्द शुरू की जाएगी. सेक्स सोर्टेड सीमन लैब खोलने की घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस साल के बजट पेश करते हुए की थी. लैब खुलने से पशुपालकों को अच्छी क्वालिटी और नस्ल की सीमन उपलब्ध हो पाएगा.
जिससे पशुओं में नस्लीय सुधार होगा. सरकार को उम्मीद है कि इससे प्रदेश में पशुधन विकास के साथ-साथ पशुपालकों की आय में भी बढ़ोतरी होगी.
बस्सी में पशुपालन विभाग के फ्रोजन सीमन बैंक स्थित है. पशुपालन विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने इस फ्रोजन सीमन बैंक का दौरा किया है. उन्होंने विभिन्न उन्नत प्रकार की शुद्ध देशी और विदेशी नस्लों के बैलों के स्वास्थ्य और उनसे उत्पादित कुल सीमन के बारे में जानकारी ली. कुणाल ने कहा कि अच्छे सीमन और उस पर हो रहे लगातार काम के चलते राजस्थान में लगातार पशुधन का विकास हो रहा है.
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इसी का परिणाम है कि राजस्थान अब दूध उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है. उन्होंने फ्रोजन सीमन बैंक के अधिकारियों से कहा कि पशुपालकों को नस्लीय सुधार सम्बंधित सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं. उनकी समस्याओं के स्थाई समाधान पर ध्यान दिया जाए.
राजस्थान की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धुरी पशुपालन है. प्रदेश में दूध और लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए नस्ल सुधार के कई कार्यक्रम चल रहे हैं. कई पशुपालक नस्ल सुधार के लिए अपने स्तर पर भी काम कर रहे हैं. इससे प्रदेश में शुद्ध देशी एवं विदेशी नस्ल के पशुओं का विस्तार हो रहा है.
राजस्थान के कुल क्षेत्रफल का 55 फीसदी भाग मरुस्थल है. करीब 75% जनसंख्या गांवों में रहती है. 2019 पशुगणना के अनुसार प्रदेश में करीब 5.67 करोड़ मवेशी हैं. इसमें 1.39 गौवंश, 1.36 भैंस, 80 लाख भेड़, 2.08 करोड़ बकरी और करीब 2.13 लाख ऊंट शामिल हैं.
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राजस्थान की अर्थव्यवस्था में पशुपालन का 10 फीसदी शेयर है. जबकि कृषि और पशुपालन पूरी एसजीडीपी में 22% का योगदान करते हैं. प्रदेश के 52 फीसदी किसानों के पास एक हेक्टेयर से कम कृषि भूमि है. कम बरसात या गैर कृषि सीजन में वे पशुपालन के भरोसे ही जीवन यापन करते हैं.
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