लंबे इंतजार के बार औली में हुई बर्फबारी, मायूस कारोबारियों के चेहरे पर आई खुशी

लंबे इंतजार के बार औली में हुई बर्फबारी, मायूस कारोबारियों के चेहरे पर आई खुशी

बर्फबारी नहीं होने के कारण यहां पर आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी कमी देखी जा रही थी. आमतौर पर पर दिसंबर और जनवरी के महीने में औली बर्फ की चादर से ढंका रहता है.

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लंबे इंतजार के बार औली में हुई बर्फबारी, मायूस कारोबारियों के चेहरे पर आई खुशीAuli Snowfall

औली उत्तराखंड का एक मशहूर स्कींग डेस्टिनेशन है. हर साल यहां पर सर्दियो के मौसम में लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं. पर इस बार औली वीरान पड़ा हुआ था.पर अब औली में मौसम ने करवट ली है यह पर्यटरों से गुलजार हो गया है. साल की पहली बर्फबारी शुरू होने से यहां पर हर कोई उत्साहित हैं क्योंकि यहां के लोगों को काफी लंबे समय से बर्फबारी का इंतजार था. 12 दिसंबर के बार औली में बर्फबारी नहीं थी. इसके कारण पर्यटक भी निराश और मायूस दिखाई दे रहे थे. पर्यटन कारोबार पर इसका व्यापक असर पड़ रहा था. पर एक बार फिर बुधवार को हुई बर्फबारी के बार औली सफेद चादर से ढंक गया है. हालांकि इसके कारण ठंड जरुर बढ़ गई है पर पर्यटक काफी उत्साहित दिख रहे हैं. 

बर्फबारी नहीं होने के कारण यहां पर आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी कमी देखी जा रही थी. आमतौर पर पर दिसंबर और जनवरी के महीने में औली बर्फ की चादर से ढंका रहता है. इस महीने में यहां पर स्कींग के शौकीन काफी संख्या में यहां पर आते हैं और इसका मजा लेते हैं पर पर इस बार मौसम की बेरुखी के कारण यहा बर्फबारी नहीं हुई थी और बर्फीली ढलान वीरान जमीन की तरह बंजर दिखाई दे रही थी. जहां बर्फबारी न होने से पर्यटक व्यवसाय पर बड़ा असर देखने को मिल रहा है वही खेत खलिहानों में भी बर्फबारी न होने से फसल चौपट होने का खतरा बन रहा है, सेब के पेड़ों को बर्फ सबसे जरूरी होती है लेकिन पिछले एक महीने से ना ही बारिश और नाही बर्फबारी हुई है.

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वापस लौट चुके हैं छोटे कारोबारी

औली में बर्फबारी नहीं होने का सबसे अधिक असर यहां के टूरिज्म बिजनेस पर पड़ा है. क्योंकि जहां इस सीजन में औली में होटल और पार्किंग पूरी तरह से पैक रहते थे, वो पूरी तरह से वीरान पड़ा हुआ है. सिर्फ गिने चुने हुए लोग ही औली का रुख कर रहे हैं. ऐसे में जो छोटे-मोटे कारोबारी है वहां दुकानों पर ताला लगाकर वापस लौट चुके हैं. वहीं  औली की ढलानों में पर्यटकों को बर्फ में स्कूटर की सवारी करने वाले लोगों के व्यवसाय पर भी बर्फबारी नहीं होने के कारण बुरा असर पड़ा है. इसलिए हर किसी को बर्फबारी का इंतजार था. 

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पर्यटन कारोबार पर पड़ा है असर

वही औली में चीयर लिफ्ट का संचालन करने वाले राजेंद्र डिमरी बताते हैं कि जो 12 दिसंबर की बर्फबारी हुई थी उसने 31 तक का बिजनेस उनका बहुत अच्छा चलाया लेकिन उसके बाद फिर से स्नोफॉल नहीं होने के कारण यहां पर्यटकों का आना पूरी तरह से कम हो गया है. इस बार लंबे समय के बाद ऐसा मौसम देखने को मिल रहा है, जब एक महीने से लंबे समय से यहां पर बर्फबारी नहीं हुई है. क्योंकि यहां पर अगर एक बार भी एक से दो फीट की बर्फबारी हो जाती है तो वह लंबे समय तक देखने को मिलती है. ऐसे में उनके व्यवसाय पर पूरी तरह से बड़ा असर  देखने को मिल रहा है. क्योंकि गिने-चुने पर्यटक ही औली इस समय पर घूमने के लिए आ रहे हैं. यहां पर बर्फ नहीं है ऐसे में जो आ रहे हैं वह मायूस हो रहे हैं.

 

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