उत्तर प्रदेश से अब पूरी तरीके से मॉनसून विदा हो चुका है. राजस्थान के निचले क्षोभ मंडल में बने प्रतिचक्रवात के प्रभाव से वर्षा के बंद होने तथा वायुमंडलीय नमी के प्रभावी कमी आने से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 30 सितंबर को प्रदेश के पश्चिमी भाग से वापस लौटना शुरू हो गया और 6 अक्टूबर तक प्रदेश के मध्यवर्ती हिस्सों से भी जाने लगा. 9 अक्टूबर को पूरे प्रदेश से मॉनसून की विदाई हो गई. मॉनसून की विदाई होते ही बादलों की आवाजाही भी रुक गई है. वहीं दिन में लोगों को गर्मी और रात में हल्की ठंडक का एहसास होने लगा है. प्रदेश अभी तक की मिले बारिश के आंकड़ों के अनुसार 1 जून से 30 सितंबर तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में 799.2 मिमी. की औसत के सापेक्ष में 569.5 मिमी वर्षा हुई है जो 29 फीसदी कम है. वहीं पश्चिम उत्तर प्रदेश की औसत 672 मिमी के सापेक्ष में 693.9 मिलीमीटर हुई है जो सामान्य से तीन परसेंट अधिक रही है.
उत्तर प्रदेश में 1 जून से लेकर 30 सितंबर तक मॉनसूनी बारिश कहीं कम हुई तो कहीं ज्यादा. उत्तर प्रदेश की बिजनौर में सबसे ज्यादा 1270 मिमी बारिश हुई वहीं भदोही में सबसे कम 162 मिमी बारिश दर्ज की गई. मौसम विभाग के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि राजस्थान के ऊपर निकले क्षोभ मंडल में बने प्रति चक्रवात के प्रभाव से बारिश बंद हो गई है.
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उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में मॉनसूनी बारिश के आंकड़े अलग-अलग है. प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जून महीने के दौरान सबसे कम बारिश हुई है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में अगस्त महीने के दौरान बारिश सामान रही जबकि जून और जुलाई में सामान्य से कम बारिश रही. राजधानी लखनऊ में 683.2 मिमी. के दीर्घकालिक औसत के सापेक्ष में इस बार 639 मिमी. बारिश रिकार्ड की गई है जो औसत के सापेक्ष 5% कम रही है.
उत्तर प्रदेश से मॉनसून की विदाई हो चुकी है तो वही दिन के तापमान से गर्मी का एहसास हो रहा है तो वही रात में गिर ओस के चलते अब ठंड की आहट भी होने लगी है. प्रदेश के सभी हिस्सों में दिन की चटक धूप देखने को मिल रही है. वही रात के तापमान में गिरावट भी दर्ज की गई है. राजधानी लखनऊ में न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस से लेकर 24 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का पूर्वानुमान है.
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