पहाड़ों में हो रही भारी बारिश के चलते गंगा और यमुना में फिर से उफान आना शुरू हो गया है. हरिद्वार, बिजनौर और नरौरा बैराज से छोड़े जा रहे पानी के चलते गंगा के किनारे बसे हुए जिलों में नदी का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों में दहशत बढ़ने लगी है. बुधवार को गंगा नदी ने कानपुर में भी खतरे के निशान को पार कर दिया है. कासगंज जिले में पिछले दो दिनों से गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है. जिले में सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों के लिए अलर्ट जारी किया है. कासगंज जिले में गंगा के तटवर्ती सोरोजी के क्षेत्र में 60 गांव पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.
दूसरी ओर, प्रदेश के कई स्थान ऐसे हैं जहां बारिश की घोर कमी है. ऐसे कई जिले हैं जहां बारिश की कमी होने से धान की रोपाई भी पिछड़ गई है. दूसरी ओर कुछ जिलों में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी का अलर्ट जारी किया गया है.
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश का असर अब उत्तर प्रदेश के गंगा किनारे वाले जिलों में दिखने लगा है. पहाड़ों पर हुई बारिश के चलते पिछले दो दिनों के भीतर हरिद्वार के भीमगोडा बैराज से 3.24 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है. इसके अलावा बिजनौर बैराज से भी 3.7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसके अलावा बुलंदशहर के नरोरा बैराज से दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ गया है. लगातार बैराज पर बढ़ते दबाव के चलते अब पानी छोड़े जाने से गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. उत्तर प्रदेश के कासगंज में गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है. जिले के 60 गांव में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. नदी के जलस्तर को देखकर ग्रामीण भी दहशत में हैं.
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उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गई है. गंगा नदी का जलस्तर 113 मीटर को पार कर 114 मीटर पर बह रहा है. जिले के शुक्लागंज में बाढ़ का पानी साथ मोहल्ले में घुस चुका है. इन मोहल्लों में नदी का पानी घरों में घुसने लगा है. हालात इतने खराब हैं कि प्रशासन को नाव चलानी पड़ रही है.
बिजनौर जनपद में गंगा बैराज का जलस्तर बढ़ने लगा है जिसके चलते खादर क्षेत्र के कई गांव में जल भराव शुरू हो गया है. बाढ़ का पानी गांव में घुसने से लोगों छतों पर रहने को मजबूर हैं. रामपुर टकरा निवासी पवन ने बताया कि पूरे गांव में बाढ़ का पानी घुस चुका है. किसानों को पशुओं के लिए चारा लाने के लिए भी परेशानी से जूझना पड़ रहा है.
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