उत्तर प्रदेश में शनिवार दोपहर तेज हवाओं के साथ आंधी और बारिश की वजह से फसलों को नुकसान के साथ-साथ जनहानि भी हुई है. हवा की रफ्तार 50 किलोमीटर प्रति घंटा से भी अधिक थी. उससे प्रदेश के कई जनपदों में पेड़ और मकान की दीवार गिरने की घटनाएं हुई हैं तो वहीं कई इलाकों में बिजली के तार टूटने से लोगों को रात अंधेरे में गुजारनी पड़ी. आंधी की वजह से पूरे प्रदेश में जनहानि भी हुई है. वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (cm yogi) ने प्रदेश के जनपदों में आंधी बारिश से नुकसान को देखते हुए अधिकारियों को पूरी तत्परता से राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने अधिकारियों को क्षेत्र का भ्रमण कर राहत कार्य पर नजर रखने तथा प्रभावित लोगों की मदद करने के भी निर्देश दिए हैं. आपदा में हुई जनहानि से प्रत्येक प्रभावित परिवार को ₹400000 की आपदा राहत राशि प्रदान की जाने के भी निर्देश दिए हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को प्रदेश जनपदों में हुई आंधी और बारिश से नुकसान को देखते हुए अधिकारियों को राहत कार्य के लिए कड़े निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा है. ऐसे प्रभावितों को तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान की जाए. वहीं मुख्यमंत्री के निर्देश पर फसलों को हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए राजस्व विभाग की टीम भी काम कर रही है. प्रदेश में सबसे ज्यादा बागवानी की फसल के रूप में आम को नुकसान पहुंचा है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन के अधिकारी घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर समुचित उपचार की व्यवस्था में जुट गए हैं.
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उत्तर प्रदेश में शनिवार दोपहर को आंधी और बारिश के चलते सबसे ज्यादा नुकसान बागवानी की फसलों को पहुंचा है. प्रदेश की आम की फल पट्टी में इन दिनों आम की फसल तैयार है. ऐसे में तेज आंधी और बारिश की वजह से फल उत्पादक किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है. अवध आम उत्पादक संघ के के अध्यक्ष उपेंद्र सिंह ने बताया कि 1 महीने में आम की फसल को 40% से अधिक नुकसान हो चुका है. वहीं बागवानी की फसलों में लीची को भी नुकसान हुआ है. उत्तर प्रदेश के मेरठ ,मुजफ्फरनगर में लीची की फसल को नुकसान हुआ है. वहीं बारिश से जायद की फसलों को नुकसान नहीं बल्कि फायदा पहुंचा है. खरीफ की तैयारी कर रहे किसानों को खेतो की जुताई करने के साथ-साथ धान की नर्सरी लगाने में तापमान घटने से मदद मिली है.
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