पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में सूखे जैसे हालात बन गए हैं. बारिश और बर्फबारी न होने से किसानों को फसल बर्बादी का भय सता रहा है. खास कर मसूरी जिले के किसान कुछ ज्यादा ही परेशान दिख रहे हैं. किसानों का कहना है कि जिले में कई दिनों से बारिश और बर्फबारी नहीं हुई है, जिसका सीधा असर फसल उत्पादन पर पड़ सकता है. साथ ही सूखी ठंड से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं, मौसम विभाग का कहना है कि 17 जनवरी को प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है.
स्थानीय किसानों का कहना है कि पहाड़ों की रानी मसूरी में पिछले दो महीने से बारिश नहीं हुई है. इसके चलते सूखी सर्दी का सितम जारी है. किसानों का कहना है कि बर्फबारी न होने के चलते गेहूं की फसल बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई है. अगर कुछ दिनों में बारिश नहीं होती है, तो फसल चौपट हो जाएगी. किसानों की माने तो उन्हें बारिश का इंतजार है. एक किसान ने बताया कि उसने अपने खेत में गोबर डाल दिया है. लेकिन बारिश ने होने से मिट्टी सूख कर पत्थर हो गई है, जिसकी जुताई करना संभव नहीं है. दरअसल, इन दिनों होने वाली बर्फबारी खेती के लिए फायदेमंद होती है.
उधर, मौसम विभाग ने कहा कि पूरा सीजन ड्राई चल रहा है. जबकि पिछले सालों में इन महीनों में अच्छी बारिश देखने को मिली थी. मौसम विभाग ने साल 2007 का भी जिक्र किया और कहा कि उस वक्त भी इसी तरह का मौसम बना था. तब कई महीनों तक बिल्कुल बारिश भी नहीं हुई थी. मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह ने कहा कि नवंबर से जनवरी तक अगर देखा जाए तो बहुत कम बारिश उत्तराखंड में देखने को मिली है, जिससे बागवानी में दिक्कतें आ रही हैं.
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मौसम विभाग की माने तो 17 जनवरी को प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश की संभावना है. लेकिन उससे पहले और उसके बाद मौसम ड्राइ ही बना रहेगा. वहीं, हरिद्वार और उधमसिंह नगर में कोल्ड डे कंडीशन बनी हुई है, जोकि अगले तीन से चार दिनों तक भी बनी रहेगी. कहा जा रहा है कि बारिश और बर्फबारी न होने से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. वहीं, मैदानी इलाके भी जबरदस्त सर्दी की चपेट में हैं. हालांकि, मौसम विभाग की भविष्यवाणी के बाद किसानों को कुछ आस जरूर बंधी है. (रिपोर्ट-सागर शर्मा)
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