भारत में होने वाली मॉनसून गतिविधियों को लेकर दुनियाभर की वेदर एजेंसियों के पूर्वानुमान सामने आ रहे हैं. इस बीच, अब दक्षिण कोरिया के APEC क्लाइमेट सेंटर ने प्री-मॉनसून और साउथ-वेस्ट मॉनसून को लेकर लॉन्गटर्म आउटलुक (पूर्वानुमान) जारी किया किया है. इसमें अप्रैल से जून के दौरान (प्री-मॉनसून) और जुलाई से सितंबर के दौरान रहने वाले (साउथ-वेस्ट मॉनसून) के समय सामान्य से ज्यादा बारिश के आसार हैं. लेकिन अगर इसे महीनेवार देखें तो क्षेत्रीय असमानताओं के संकेत नजर आते हैं. ऐसे में जानिए कि बारिश का पैटर्न कैसा रहेगा.
APEC के पूर्वानुमान के मुताबिक, अप्रैल से जून के दौरान देश में सामान्य से ज्यादा बारिश देखी जा सकती है. हालांकि, हिमाचल प्रदेश, उत्तरी जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, पंजाब के कुछ हिस्सों और उत्तराखंड में सामान्य से थोड़ी कम बारिश के आसार हैं. वहीं, मुंबई, दक्षिण गुजरात, कोंकण, गोवा और तटीय कर्नाटक, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और तेलंगाना में कुछ जगहों पर ज्यादा बारिश के आसार हैं. इसके अलावा देश के पूर्व क्षेत्र को देखें तो पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों में भी ज्यादा बारिश हो सकती है.
वहीं जुलाई से सिंतबर के महीनों, जाे कि भारत में मॉनसून का मुख्य समय होता है, इस दौरान रायलसीमा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु के पश्चिमी घाट और दक्षिणी केरल के कुछ हिस्सों में थोड़ी कम बारिश देखने को मिल सकती है. इसके अलावा तटीय और उत्तरी गुजरात के कुछ हिस्सों और निकटवर्ती दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान में भी कम बारिश के आसार हैं.
वहीं, महीनेवार पूर्वानुमान को देखे तों अप्रैल में उत्तर-पश्चिम भारत, पूर्वी भारत, पूर्वी मध्य भारत, दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश और निकटवर्ती उत्तर तटीय तमिलनाडु में सामान्य से कम बारिश होने के संकेत मिलते हैं. हालांकि, पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु के ज्यादातर हिस्सों और कर्नाटक, केरल में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है.
मई के महीने में राजस्थान के सभी हिस्सों में, पंजाब, जम्मू और कश्मीर लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में कम बारिश होने का अनुमान है. इस दौरान देश में अन्य हिस्सों में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है.
जून के महीने में यानी जिस दौरान केरल में आधिकारिक तौर पर मानसून का आगमन होता है, इस दौरान इसके पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में बारिश होने की संभावना है. हालांकि, पश्चिमी तट, मध्य भारत और पूर्वी भारत के शेष हिस्सों में मॉनसून के मजबूत रहने के संकेत हैं.
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