देश में गर्मी का कहर जारी है. जैसा की कहा जा रहा था कि साल 2024 अब तक का सबसे गर्म साल हो सकता है, उस पर मई महीने का तापमान मुहर लगा रहा है. आलम ये है कि देश के कई हिस्सों का तापमान इन दिनों 45 डिग्री के पार चल रहा है. ऐसा लग रहा है कि 45 डिग्री से अधिक तापमान अब सामान्य हो चला है. वहीं इस बीच बीते कुछ दिनों से देश के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान 50 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया है.
बीते दिनों राजस्थान के फालौदी और चुरू का तापमान 50 डिग्री पार कर गया था, लेकिन 29 मई बुधवार को दिल्ली के मुंगेशपुर का तापमान 52.3 डिग्री दर्ज किया गया है, जिसे अब तक का भारत का सबसे अधिक तापमान बताया जा रहा है. दिल्ली के मुंगेशुपर में ये दूसरा दिन है, जब अधिक तापमान 50 डिग्री के पार गया है.
दिल्ली में दर्ज अधिकतम तापमान थार रेगिस्तान के तापमान के पार जाता हुआ दिखाई दे रहा है. दुनिया के नक्शे में गर्म क्षेत्र के तौर पर पहचाने जाने वाले थार रेगिस्तान का अधिकतम तापमान 50 डिग्री के पास ही रहता है, लेकिन दिल्ली के मुंगेशपुर में बुधवार 29 मई को अधिकतम तापमान 52.3 डिग्री दर्ज किया गया है.
आइए इसी कड़ी में पुरी कहानी समझते हैं. समझते हैं कि क्यों कहा जा रहा है कि मुंगेशपुर में दर्ज तापमान ने पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. साथ ही समझते हैं कि आखिर इतनी गर्मी क्यों पड़ रही है और आखिर क्यों देश के कई हिस्सों में 45 डिग्री से अधिक का तापमान सामान्य हो जाता रहा है.
दिल्ली के मुंगेशपुर स्थित ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (AWS) ने 29 मई बुधवार को दोपहर 3.30 बजे के पास 52.3 डिग्री का तापमान दर्ज किया है, जिसकी पुष्टि खुद IMD ने की है. माना जा रहा है कि 29 मई 2022 को दिल्ली के मुंगेशपुर का दर्ज तापमान भारत में अब तक दर्ज अधिकतम तापमान में से सबसे अधिक तापमान है. क्योंकि IMD की तरफ से अब तक उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार इससे पहले 19 मई, 2016 को राजस्थान के फालौदी में भारत का सबसे अधिक 51 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था. यानी 29 मई 2024 को मुंगेशपुर में देश का अब तक का सबसे अधिक गर्म दिन दर्ज किया गया है.
दिल्ली के मुंगेशपुर में दर्ज तापमान 52.3 डिग्री तापमान को भारत में दर्ज अब तक का सबसे अधिक अधिकतम तापमान माना जा रहा है, लेकिन इसमें एक बड़ा झोल है. क्योंकि मुंगेशपुर के पास ही स्थित दूसरे स्टेशन नरेला में 29 मई को ही अधितमन तापमान 48.4 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है. मुंगेशपुर में दर्ज 52.3 डिग्री तापमान पर सवाल उठाते हुए और इस झोल को समझाते हुए निजी वेदर एजेंसी स्काईमैट के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत कहते हैं कि ये संभव नहीं है कि दिल्ली का तापमान 50 डिग्री से अधिक हो. वह मुंंगेशपुर में दर्ज 52.3 डिग्री तापमान को खारिज करते हुए कहते हैं कि ये तापमान ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन ने दर्ज किया है, जो सेंसर बेस्ड होते हैं. हो सकता है कि स्टेशन के आस-पास किसी वजह से गर्माहट हो, जिसे सेंसर ने रिकॉर्ड कर लिया हो और वहां अधिक तापमान दर्ज किया गया है.
उत्तर भारत मई-जून में तपता है, जिसमें 40 डिग्री से अधिक तापमान वाले दिन लू के तौर पर रेखांकित किए जाते हैं. हालांकि ऐसे दिन बहुत कम होते हैं. मसलन, इससे पहले के सालों में बहुत कम दिन ही तापमान 40 डिग्री पार करता था. मान लेते हैं कि मई-जून के महीने में 40 से 45 डिग्री तापमान देश के कई राज्यों में दर्ज किया जाता रहा है, लेकिन इस साल 45 डिग्री की इस लिमिट को कई इलाकों ने पार किया है.
मसलन, देश के कई हिस्सों में इन दिनों 45 से 50 डिग्री के बीच तापमान दर्ज किया जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि मई-जून के बीच 45 से 50 डिग्री के बीच का तापमान सामान्य हो चला है. ऐसा क्यों हो रहा है. क्यों गर्मी का प्रकोप बड़ रहा है.
देश के कई हिस्सों में इन दिनों गर्मी का कहर अधिक क्यों है और क्यों देश के अधिकांश हिस्सों में 45 से 50 डिग्री के बीच तापमान पहुंच रहा है, इसको लेकर किसान तक ने IMD के पूर्व महानिदेशक डॉ केजे रमेश से बातचीत की.
डॉ केजे रमेश बताते हैं कि मई-जून के महीने देश के अधिकांश हिस्सों का तापमान 40 से 45 डिग्री के बीच रहता है, लेकिन इस बार ये ही तापमान 45 से 50 डिग्री के बीच दर्ज किया जा रहा है, इसके कई कारण हैं. वह बताते हैं कि इस बार 15 मई के बाद एक भी वेस्टर्न डिस्टर्ब एक्टिव नहीं हुआ है. इस वजह से अरब सागर से आने वाली नम हवाएं नहीं आ रही है. नतीजतन तापमान बढ़ा हुआ है.
दूसरा कारण वह बताते हैं कि देश के ग्रीन कवर एरिया में आई कमी भी तापमान में बढ़ाेतरी के लिए जिम्मेदार है. वहीं तीसरा और प्रमुख कारण वह जलवायु परिवर्तन को बताते हैं. IMD के पूर्व महानिदेशक डॉ केजे रमेश कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन की वजह से नार्थ पोल में ही गर्मियों के दिनों तापमान 17 से 18 डिग्री के बीच दर्ज किया जा रहा है, इस वजह से वहां बर्फ पिघल रही है.
इस वजह से एशिया और यूरोप के कई देशों में गर्मी का कहर है.वहीं निजी वेदर एजेंसी के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ महेश पलावत कहते हैं कि मौजूदा वक्त में पश्चिमी हवाएं चल रही हैं, जो सिंध, बलूचिस्तान और थार रेगिस्तान से गर्म हवाएं ला रही हैं. इस वजह से तापमान में बढ़ोतरी है.
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