Bihar Weather News: बिहार में मॉनसून की बेरुखी से किसान परेशान, खेतों में सूख रही धान की फसल

Bihar Weather News: बिहार में मॉनसून की बेरुखी से किसान परेशान, खेतों में सूख रही धान की फसल

मॉनसून के चौथे महीने सितंबर की शुरुआत के साथ ही बारिश की कमी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. धान के पौधे पानी के अभाव और रोग की चपेट में आने से सूखने लगे हैं. किसानों का कहना है कि पंपिंग सेट चलाकर वे धान की फसल को बहुत दिन तक नहीं चला सकते. 

Advertisement
Bihar Weather News: बिहार में मॉनसून की बेरुखी से किसान परेशान, खेतों में सूख रही धान की फसलसितंबर के महीने में खेतों में सूख रही धान की फसल

मॉनसून की बेरुखी और अल नीनो के बढ़ते प्रकोप के बीच किसानों को अपनी फसल बचाना किसी चुनौती से कम नहीं है. बिहार में अगस्त के महीने में अच्छी बारिश के बीच भले ही किसानों ने अपनी धान की रोपनी पूरी कर ली हो, लेकिन सितंबर के महीने में बारिश नहीं होने का सीधा असर खेतों में दिखना शुरू हो गया है. राज्य में धान का कटोरा कहने जाने वाला जिला हो या कम धान उत्पादन वाला जिला, सभी जगहों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. कैमूर जिले के सियापोखर गांव के किसान देवेंद्र पांडेय कहते हैं कि उनके गांव के पास नहर और नदी दोनों गुजरते हैं, लेकिन सिंचाई की बेहतर सुविधाओं के अभाव में फसल सूखने लगी है. वहीं दूसरी ओर चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी के बीच धान की फसल रोग की चपेट में आने लगी है. 

ये भी पढ़ें-Rice Variety: बौद्ध भिक्षु उगा रहे हैं ये विदेशी धान, 3-4 दिन तक पकाकर रखो फिर भी नहीं होता खराब, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

सितंबर के महीने में धान की फसल में पानी रहना चाहिए. लेकिन अभी खेतों में दरारें आने लगी हैं. ऐसा पानी की कमी की वजह से हो रहा है. इस मामले में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम वैज्ञानिक कहते हैं कि सितंबर से अल नीनो का प्रभाव राज्य में देखने को मिल सकता है. इसका असर रबी सीजन में जनवरी 2024 तक जारी रहने का अनुमान है. 

सिंचाई की बेहतर सुविधा नहीं होने से बिहार के कई किसानों की सूख रही धान की फसल. फोटो-किसान तक
सिंचाई की बेहतर सुविधा नहीं होने से बिहार के कई किसानों की सूख रही धान की फसल. फोटो-किसान तक

मॉनसून में बारिश सामान्य से बहुत कम

पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने मॉनसून के महीने का अब तक का एक आंकड़ा पेश किया है. इससे पता चलता है कि बीते तीन महीनों में हुई बारिश के बाद भी राज्य में अभी तक करीब 28 प्रतिशत कम बरसात हुई है. वहीं जहां जून में सामान्य से रूप से 163.3 एमएम बारिश की तुलना में मात्र 85 एमएम ही बारिश हुई, जो सामान्य से करीब 48 प्रतिशत कम है. इसके साथ जुलाई में सामान्य बारिश 340.5 एमएम की जगह मात्र 178.2 एमएम हुई, जो करीब 48 प्रतिशत तक कम थी. वहीं अगस्त में सामान्य बारिश 271.9 एमएम की तुलना में 305 एमएम बारिश हुई, जो सामान्य से करीब 13 प्रतिशत अधिक रही. वहीं सितंबर महीने में मौसम विभाग ने बहुत अच्छी बारिश का अनुमान नहीं लगाया है. 

ये भी पढ़ें- Teacher's Day : किसान के इस बेटे को आज मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, अपने काम से कायम की ऐसी मिसाल, पढ़ें पूरी कहानी

एक बार फिर खेतों में पड़ने लगीं दरारें

कैमूर जिले के मोहनिया प्रखंड के बेर्रा गांव के किसान लवकुश सिंह कहते हैं कि उन्होंने बारिश और नहर के सहारे करीब 22 बीघा में धान की खेती की है. लेकिन नहर में पानी और बारिश नहीं होने से पूरी फसल सूखने लगी है. अब कोई उपाय नहीं दिख रहा है. वहीं सियापोखर गांव के रहने वाले देवेंद्र पांडेय कहते हैं कि उनके गांव के पास से नहर और नदी दोनों गुजरती है. फिर भी गांव के खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. नहर के अंतिम छोर के पास गांव होने से पानी नहीं आता. आज धान की फसल उनकी ही बच पाएगी, जिनकी खुद की सुविधा मौजूद है. वरना एक बीघा के लिए तीसरे दिन 200-200 रुपये देना छोटे किसान के बस की बात नहीं है.

POST A COMMENT