बिहार के मौसम में बीते कुछ दिनों से काफी बदलाव देखने को मिल रहा है. जहां फरवरी के शुरुआती दिनों से लेकर महीने की समाप्ति के बीच राज्य में रुक रुक बारिश जा रही है. वहीं मार्च महीने में बारिश होने का सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है. मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में बताया है कि राज्य में एक बार फिर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के बाद अधिकांश जिलों में दो मार्च से चार मार्च के बीच बारिश होने की उम्मीद है.
इसके साथ ही मौसम विभाग ने दो से तीन मार्च के बीच सूबे के दक्षिण और उत्तर बिहार के कुछ जिलों में बारिश को लेकर येलो अलर्ट घोषित किया है. इसके साथ ही डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय ने अपने साप्ताहिक कृषि रिपोर्ट में बताया है कि इस समय पछेती सरसों सहित सब्जी की फसलों में लाही कीट लगने की संभावना अधिक रहती है. तो किसान अपनी फसलों का निरीक्षण करते रहें. उसका उचित उपचार करें.
बता दें कि राजधानी पटना सहित अन्य जिलों में एक मार्च तक मौसम शुष्क रहेगा. वहीं दो मार्च से चार मार्च के बीच पश्चिमी विक्षोभ की वजह से मौसम करवट ले सकता है. अगर राज्य के तापमान पर नजर डाले तो बीते चौबीस घंटों के दौरान सर्वाधिक तापमान वैशाली में 28.9 सेल्सियस डिग्री दर्ज किया गया. जबकि न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री सेल्सियस मोतिहारी और किशनगंज में दर्ज किया गया. इसके साथ ही आने वाले 5 दिनों के दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन होने के आसार नहीं दिख रहे हैं.
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मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, मार्च महीने में मौसम एक बार फिर करवट ले सकता है. मौसम विभाग ने दो मार्च को राज्य के उत्तर पश्चिम,उत्तर मध्य और दक्षिण पश्चिम के जिलों में बारिश को लेकर येलो अलर्ट घोषित किया है. जबकि तीन मार्च को दक्षिण पश्चिम और दक्षिण मध्य भाग के कुछ जिलों में बारिश हो सकती है. इन इलाकों में भी बारिश को लेकर येलो अलर्ट घोषित किया है. इन दो दिनों के दौरान बारिश की बात करें तो पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीवान, सारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, पटना, गया, नालंदा, शेखपुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय और जहानाबाद शामिल है.
डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अनुसार इस मौसम में लाही कीट के विस्तार होने की संभावना सबसे अधिक रहती है. विशेष रूप से इस दौरान किसान पछेती सरसों, फूल गोभी, पत्ता गोभी सहित अन्य पछेती सब्जियों में लाही कीट से निगरानी करें. फसल में इस कीट का प्रकोप दिखने पर कृषि वैज्ञानिक या कृषि से जुड़े जानकारों की सलाह पर मौसम साफ रहने के दौरान दवा का छिड़काव करें.
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