भारत सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसके लिए सरकार कृषि के साथ-साथ कुछ छोटे उद्योगों को भी बढ़ावा देने में जुटी है. जिससे किसान आसानी से अपनी आजीविका चला सकें और खेती के साथ-साथ अन्य कामों से भी पैसा कमा सकें. इन छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जाती है. जिससे किसान भाइयों को इन्हें लगाने में मदद मिलती है. इन लघु उद्योगों में मछली पालन उद्योग भी शामिल है. जो इस समय किसानों के बीच काफी मशहूर हो रहा है. इसकी अपार संभावनाओं को देखते हुए किसान भाइयों का रुझान इस ओर तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन किसी भी काम को करने के पहले जरूरी है कि हम उस काम के बारे में पूरी तरह से जान लें. इसी कड़ी में आज बात करेंगे कि अगर तालाब का पानी गंदा हो तो उसका क्या असर पड़ता है.
आपको बता दें अगर आपके तालाब के पानी से हमेशा बाढ़ जैसी गंध आती है या वो गंदा रहता है तो इसका नकारात्मक असर मछलियों के ग्रोथ पर दिखाई देता है. क्योंकि इस प्रकार के जल में मछली उत्पादन की क्षमता बहुत कम होती है. मछली पालन के लिए ऐसे तालाबों का चयन नहीं करना चाहिए जिनका पानी हर समय गंदा रहता हो. केवल उन्हीं तालाबों का चयन करें जिनके पानी का रंग हल्का हरा या साफ हो. इससे मछली उत्पादन में अच्छा प्रभाव देखने को मिलता है.
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इस समय बाजार में मछली की मांग बहुत ज्यादा है. इस बात को ध्यान में रखते हुए इन्हें बेचने में ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है. इसके अलावा मछली पालन उद्योग शुरू करने के लिए ज्यादा पूंजी की भी आवश्यकता नहीं होती है. यह उद्योग कम खर्च में अधिक उत्पादन देने वाला है. इसे छोटे और बड़े दोनों स्तर पर शुरू किया जा सकता है. इसके लिए सरकार की ओर से सहायता भी मुहैया करायी जाती है. इस उद्योग से प्राप्त होने वाला मुनाफा इसमें होने वाले खर्च से लगभग 5 से 10 गुना अधिक होता है. जिससे किसानों को अच्छी खासी कमाई हो जाती है.
घर पर मछली पालन के लिए कम जमीन की आवश्यकता होती है. इस विधि से छोटे पैमाने पर उन स्थानों पर मछली पालन किया जाता है जहां आस-पास कोई प्राकृतिक या उपयुक्त स्थान न हो. इस विधि में घर में प्लास्टिक टैंक स्थापित करके या घर में जमीन में छोटे-छोटे तालाब बनाकर मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया जाता है. जिसे कोई भी व्यक्ति स्वयं आसानी से संचालित कर सकता है. इसे शुरू करने में करीब 30 से 40 हजार रुपये का खर्च आता है. जबकि उत्पादन से प्राप्त मुनाफा काफी अच्छा है. इस विधि से एक किसान करीब एक हजार मछली पालन कर एक लाख तक की कमाई कर सकता है.
कृत्रिम तालाब बनाकर यह व्यवसाय बड़े पैमाने पर किया जाता है. इसे बड़े पैमाने पर शुरू करने का तरीका सबसे अच्छा माना जाता है. क्योंकि इस तरह से बिजनेस करने से बहुत ही कम खर्च में बार-बार अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है. इस तरह से बिजनेस करने पर शुरुआत में सिर्फ एक बार रखरखाव के मद में खर्च किया जाता है, उसके बाद इससे लगातार मुनाफा ही कमाया जाता है. और इस तरह से मछली की देखभाल ठीक से की जा सकती है. जिससे मछलियों को बहुत कम नुकसान होता है. फिलहाल इनके अलावा एक और तकनीक आ गई है. जिसे बायफ्लॉक के नाम से जाना जाता है. जो कुछ हद तक कृत्रिम रूप से किया जाता है. जिसमें मछली को तैयार करने की लागत और भी कम आती है. और प्राप्त उत्पादन अधिक मुनाफा देता है.
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