भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भविष्यवाणी की है कि 29 फरवरी से पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है, जिसका असर मैदानी इलाकों में भी देखने को मिलेगा. इससे हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. इस दौरान आकाशीय बिजली गिरने के साथ-साथ ओलावृष्टि की भी आशंका जताई गई है. वहीं, पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर भारी बर्फबारी भी हो सकती है.
आईएमडी के मुताबिक, 1-4 मार्च के दौरान पश्चिमी विक्षोभ का असर मैदानी इलाकों में देखने को मिल सकता है. खास कर 1 और 2 मार्च को इसकी तीव्रता अधिक रहेगी. आईएमडी ने शाम के बुलेटिन में कहा कि 1-2 मार्च के दौरान अरब सागर से उत्तर-पश्चिम भारत में उच्च नमी आने की भी संभावना है. इसके प्रभाव में आने से 1 से 3 मार्च के दौरान पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में गरज और चमक के साथ हल्की से मध्य बारिश हो सकती है.
ये भी पढ़ें- Pashu Kisan Credit Card: हरियाणा में 1.56 लाख पशुपालकों को मिले 2000 करोड़ रुपये, अब और आसान होगा गाय, भैंस पालना
खास कर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में गरज के साथ कई इलाकों में बारिश होने की संभावना है. इसी तरह 1-2 मार्च को उत्तर प्रदेश, राजस्थान में भी हल्की से मध्यम बारिश होने की भविष्यवाणी की गई है. अगर पहाड़ी क्षेत्रों की बात करें तो 1-2 मार्च को पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा और बर्फबारी की भी भविष्यवाणी की गई है. आईएमडी का कहना है कि 1 मार्च को उत्तराखंड में अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि हो सकती है. दक्षिण मध्य प्रदेश, विदर्भ क्षेत्र और दक्षिण छत्तीसगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि हो सकती है.
वहीं, कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर बारिश की संभावना बन रही है, तो तैयार हो चुकी रबी फसलों की 1 से 4 मार्च के बीच कटाई करने से किसानों को बचना चाहिए. वहीं, बागवानी फसलों की कटाई मौसम बिगड़ने से काफी पहले कर लें. एक्सपर्ट की माने तो बारिश होने की स्थिति में पपीता और केले के गुच्छों को स्कर्टिंग बैग से ढकें. इसी तरह मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड के किसान अपने बागान को ढकने के लिए ओला जाल या ओला कैप का उपयोग करें.
ये भी पढ़ें- Dairy Ghee: आने वाले दिनों में ब्रिटेन बन सकता है भारतीय घी का बड़ा खरीदार, जाने डिटेल
अगर जिस फसल की पहले कटाई हो गई है, उसे बारिश होने से पहले सुरक्षित स्थान पर रख दें. अगर तेज हवा बहती है तो इस स्थिति में किसान फसलों की सिंचाई करने से बचें. साथ ही कीटनाशकों का भी उपयोग नहीं करें. इससे फसल को नुकसान पहुंच सकता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today