पूर्वी राजस्थान के धौलपुर जिले में पिछले चार दिनों से पड़ रही कड़ाके की सर्दी और घने कोहरे ने आमजन की दिनचर्या को बेहद प्रभावित किया है. आमजन के साथ पशु, पक्षी और वन्यजीवों की दिनचर्या सर्दी के सितम से बेहाल हो रही है. गुरुवार को भी घने कोहरे की दस्तक से लोग बेहाल रहे. सुबह से लेकर शाम तक लोग गर्म कपड़े पहनने के बावजूद ठिठुरते रहे.
घने कोहरे और कड़ाके की सर्दी से आवागमन की रफ्तार भी थम गई. बीते चार दिनों से गिरे पारे ने लोगों को जबरदस्त ठंड का अहसास करा दिया है. हालत ये है कि गर्म कपड़ों में भी लोगों को सर्दी से निजात नहीं मिल पा रही. हाईवे और सड़क मार्गों पर आवागमन की रफ्तार काफी धीमी देखी जा रही है.
अधिकांश लोग घरों में कैद हैं और जरूरी काम से ही बाहर जा रहे हैं. सबसे अधिक समस्या मवेशी के लिए खड़ी हो गई है. गलन और सर्दी से पशुपालक मवेशी को बचाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं. रबी फसल की बात की जाए तो गेहूं की फसल के लिए सर्दी काफी लाभकारी मानी जा रही है. लेकिन सरसों और आलू की फसल में नुकसान की संभावना है.
आगामी दिनों में सर्द हवा, कड़ाके की सर्दी और घना कोहरा बढ़ने की प्रबल संभावना है. सर्दी के सितम से बचने के लिए लोग ऊनी कपड़ों का सहारा लेने के साथ लकड़ियां जलाकर अलाव तापते हुए दिखाई दे रहे हैं. धौलपुर में न्यूनतम तापमान तीन डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है.
बीते चार दिन से सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए. बर्फीली हवाओं और कोहरे के कारण जनमानस ठिठुरता दिखाई दे रहा है. बीते चार दिन से पड़ रहे कोहरे और सर्द हवाओं से पेड़-पौधों फर ओस की परत जम गई है. खेतों में पड़ी ओस जमकर बर्फ में तब्दील हो गई है. इससे किसानों की समस्या बढ़ गई है.
धूप नहीं निकलने से गलन बढ़ गई है और लोग बाहर निकलने के बजाय घरों में कैद रहना पसंद कर रहे हैं. बच्चों को अधिक परेशान देखा जा रहा है. किसान ठंड की वजह से खेतों में नहीं जा पा रहे हैं जिससे फसलों की रखवाली और देखरेख पर असर देखा जा रहा है.(रिपोर्ट-उमेश)
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