हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में हाल ही में आई भीषण बारिश और बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़ दी है. 29 जुलाई की रात को मंडी शहर के जीरो प्वाइंट नाले में अचानक आई बाढ़ ने सैण मोहल्ला सहित आसपास के कई इलाकों में भारी तबाही मचाई है.
भारी बारिश के बाद खेतों के साथ-साथ कई घरों में भी मलबा और पानी भर गया है. फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान सैण मोहल्ले में हुआ है, जहां भिंडी, करेला, घीया तोरी, फ्रेंचबीन और अदरक जैसी नकदी फसलें पूरी तरह से तबाह हो गई हैं.
खेतों में 3 से 4 फीट मलबा भर गया है, जिससे किसानों कि लगी लगाई फसल तो बर्बाद हो गई है. वहीं, आगे की बुआई करना भी मुश्किल हो गया है. खेतों से फसलों के साथ लगाए गए डंडे भी बाढ़ के चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
साथ ही सिंचाई वाली नालियां भी बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हो गई है. किसान परमानंद सैनी और रिहान सैनी ने बताया कि खेतों में बाढ़ का पानी घुसने से उनका लाखों का नुकसान हो गया है.
उन्होंने बताया कि नाले का मलबा उनके घरों में भी जा घुसा है और कई वाहन भी इसकी चपेट में आए हैं.वहीं भारी बारिश और बाढ़ से जिला में हुए कुल नुकसान के बारे में बताया.
कृषि विभाग उपनिदेशन मंडी रामचंद्र चौधरी ने बताया कि जिले में अब तक करीब 20 करोड़ के करीब नुकसान दर्ज किया गया है. जिसमें फसलों को 11 करोड़ और पॉलीहाऊस और सिंचाई स्कीमों को 9 करोड़ के नुकसान का आकलन है.
साथ ही उन्होंने कहा कि हाल ही में मंडी शहर के सैण मोहल्ले में भी विभागीय टीमें नुकसान का आंकलन कर रही हैं और प्रभावित किसानों की सूची तैयार की जा रही है. (धरम वीर की रिपोर्ट)
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