भारत में इस बार पॉजिटिव इंडियन ओशन डायपोल (IOD) की संभावना प्रबल है. इससे मॉनसून की बारिश में तेजी आएगी. पॉजिटिव आईओडी को अल-नीनो का विपरीत माना जाता है. अल-नीनो में जहां सूखा रहता है जबकि आईओडी मूसलाधार बारिश कराता है.
पॉजिटिव आईओडी को इंडियन नीनो भी कहते हैं. भारत में लगातार दूसरी बार इस बार पॉजिटिव आईओडी का प्रभाव देखा जाएगा. पिछले साल भी ऐसी स्थिति बनी थी जिसकी वजह से कुछ महीने खूब बारिश दर्ज की गई. अधिक बारिश से कई जगह बाढ़ के हालात पैदा हो गए थे.
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पॉजिटिव आईओडी यानी कि इंडियन नीनो से दक्षिण पश्चिम मॉनसून में बहुत अधिक बारिश दर्ज की जाएगी. पॉजिटिव आईओडी मॉनसून की बारिश को बढ़ा देता है जैसा कि इस बार संभावना बनती दिख रही है.
इंडियन नीनो यानी कि पॉजिटिव इंडियन डायपोल के बारे में ऑस्ट्रेलियाई मौसम एजेंसी ने दावा किया है. एजेंसी ने कहा है कि इस बार भारत में समय से पहले पॉजिटिव आईओडी डेवलप हो सकता है जिससे दक्षिण पश्चिम मॉनसून को मदद मिलेगी.
इस बार भारत में पॉजिटिव इंडियन ओशन डायपोल लगातार दूसरी बार एक्टिव हो सकता है. 1960 के बाद इस साल दूसरी बार पॉजिटिव आईओडी एक्टिव होने की तैयारी में है. पिछले साल भी पॉजिटिव आईओडी था जिससे बारिश कुछ बढ़ गई थी. हालांकि अल-नीनो उससे ज्यादा एक्टिव था, इसलिए सूखे को मात देने वाली बारिश नहीं हुई.
पिछले साल भारत में अल-नीनो का प्रकोप देखा गया था. इस साल अप्रैल तक इसका प्रभाव था. यही वजह है कि मॉनसून की बारिश में घोर कम रही जिससे कई फसलें चौपट हो गईं. इस साल भारत में कॉपी और आम की बागवानी प्रभावित हुई है तो उसके पीछे अल-नीनो और उससे कम हुई बारिश ही सबसे बड़ी वजह है.
इसे देखते हुए पॉजिटिव आईओडी से इस बार अच्छी बारिश की उम्मीद जग रही है. इस बार भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD ने भी साफ कर दिया है कि मॉनसून की बारिश सामान्य से अधिक होगी. इसमें पॉजिटिव आईओडी सबसे बड़ा मददगार साबित होगा क्योंकि अल-नीनो भी न्यूट्रल हो चुका है.
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