डेयरी शुरू करने के लिए सबसे पहले वातावरण और जलवायु की अच्छी जानकारी होनी चाहिए. आप जिस नस्ल की गाय या भैंस पाल रहे हैं वो आपके वातावरण के अनुकूल है या नहीं? ये पता होना चाहिए.
नए पशुपालकों को गिर नस्ल की गाय पालने की सलाह दी जाती है. गिर नस्ल की गाय गुजरात राज्य के कुछ इलाकों से आती है. ये देशभर की डेयरी में आसानी से देखने को मिल सकती है.
गिर गाय का रंग लाल और भूरा होता है. इनकी सींग मुड़ी हुई होती हैं और माथा भारी होता है. इन गायों का आकार लंबा-चौड़ा होता है जिससे ये देखने में भारी-भरकम होती हैं लेकिन स्वभाव से शांत होती हैं.
गिर गायों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है इस कारण ये कम बीमार होती हैं. गिर गायों की खासियत ये है कि ये किसी भी तरह के वातावरण में खुद को आसानी से ढाल लेती हैं, तभी देश भर में मिलती हैं.
बिजनेस के लिए गिर गाय परफेक्ट है. डेयरी फार्मर्स को बता दें कि इस गाय से रोजाना 10-12 लीटर दूध आसानी से मिल जाता है. इनकी अच्छी-देखभाल के बाद 15 लीटर भी दूध दे सकती हैं.
गिर नस्ल की गायों को हरा चारा, सूखा चारा, गेहूं, जौ और दलहनी फसलों का भूसा खिलाया जाता है. गायों की अच्छी देखभा के लिए इन्हें प्रतिदिन अनाज और दाना खिलाना भी बहुत ज्यादा जरूरी होता है.
गिर गाय पालना चाहते हैं तो इसकी ब्रीडिंग पर कई जगह काम होता है लेकिन गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में खासतौर पर की जाती है. वहां से आप पशु ला सकते हैं. ये आपके डेयरी बिजनेस के लिए परफेक्ट नस्ल है.
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