झारखंड के आसमान में फिलहाल बादल छाए हुए हैं. आज भी कई जिलों में बारिश की संभावना है. मौसम विज्ञान केंद्र रांची के अनुसार एक मॉनसून टर्फ रांची से होकर गुजर रहा है. इसका असर 26 जुलाई को देखने के लिए मिलेगा. 26 जुलाई को राज्य के कई जिलों में अच्छी बारिश हो सकती है. लेकिन झारखंड में अब तक जो बारिश हुई है उसके आंकड़े चिंताजनक हैं और इसके कारण किसान चिंतित भी हैं. राज्य में अच्छी बारिश नहीं होने का सीधा असर धान की खेती पर पड़ रहा है. बारिश की कमी के कारण किसान धान की खेती नहीं कर पा रहे हैं. बारिश की अनियमितता से किसान डरे हुए हैं, क्योंकि लगातार दो बार वो सूखे का सामना कर चुके हैं.
रांची स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के आंकड़ों के अनुसार झारखंड में 1 जून से लेकर 26 जुलाई तक कुल 240.3 मिलीमीटर बारिश हुई है. जबकि इस अवधि के दौरान सामान्य बारिश 455.9 मिलीमीटर होती है. इस तरह से राज्य में अब तक 48 फीसदी कम बारिश दर्ज की है. हालांकि बीच में अंतर 50 फीसदी पर चला जाता है. पिछले साल यह आकड़ा 60 फीसदी था. राज्य के एक दो जिलों को छोड़कर सभी जिलों में 60 फीसदी कम बारिश हुई थी. बारिश कम होने के कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है. नर्सरी में धान तैयार हो जाने के बाद भी किसान धान की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं.
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बारिश को लेकर लोहरदगा, चतरा और पाकुड़ की स्थिति और भी खराब है. लोहरदगा में अब तक सिर्फ 158 मिलीमीटर बारिश हुई है जो सामान्य से 65 फीसदी कम है. चतरा में एक जून से लेकर अब तक 143.5 मिलीमीटर बारिश हुई है जो सामान्य से 65 फीसदी कम है. जबकि पाकुड़ में 165.8 फीसदी बारिश हुई है जो यहां होने वाली सामान्य बारिश से 69 फीसदी कम है. झारखंड के 24 जिलों में से किसी भी जिले में अब तक सामान्य बारिश नहीं हुई है. हालांकि जिन किसानों के खेत निचले इलाके में हैं, वो किसान किसी तरह सिंचाई करके धान की रोपाई कर रहे हैं. पर जिनके पास ऊपरी जमीन है वो अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं.
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झारखंड में हो रही कम बारिश को लेकर धान की खेती करने वाले मांडर प्रखंड के किसान सुखदेव उरांव ने बताया कि उन्होंने नर्सरी तैयार कर ली है और अब वो अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि उनके खेत ऊंचाई वाली जगह में हैं. सुखदेव ने बताया कि पिछले साल उन्होंने धान की खेती नहीं की थी. इस साल अच्छे मौसम पूर्वानुमान को देखकर नर्सरी तो तैयार कर लिया है, लेकिन अब तक मौसम ने निराश ही किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर देर से अच्छी बारिश होती भी है तो इससे धान की खेती अच्छे से नहीं हो पाएगी. पैदावार पर इसका सीधा असर पड़ेगा. सुखदेव उरांव की तरह ही अन्य किसानों की यही स्थिति है. हालांकि कृषि वैज्ञानिक और मौसम वैज्ञानिक आने वाले दिनों में अच्छी बारिश की उम्मीद कर रहे हैं.
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