झारखंड के सभी जिलों में इस समय जबरदस्त बारिश हो रही है. इसके साथ ही लंबे समय से अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे किसानों को इस बारिश से काफी राहत मिली है. लगातार हो रही बारिश के बाद झारखंड के कई जिलों में खेत और तालाब लबालब भर गए हैं. किसान धान की रोपाई के लिए अब आराम से खेत तैयार कर सकते हैं. मौसम विभाग ने इसे लेकर पहले ही ऑरेन्ज अलर्ट जारी किया था. रांची स्थित मौसम विज्ञान केंद्र की तरफ से जारी पूर्वनुमान के अनुसार, शुक्रवार को राज्य के गढ़वा, पलामू, चतरा, लातेहार, हजारीबाग और गुमला जिलों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है. इसे लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है.
कोडरमा, गिरिडीह, बोकारो, रामगढ़, रांची, खूंटी और सिमडेगा जिलों में भारी बारिश होने का अनुमान लगाया है. इसे लेकर विभाग की तरफ से ऑरेन्ज जारी किया है. जबकि देवघर और जामताड़ा जिलों में भारी बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है. वहीं तीन अगस्त को भी मौसम विभाग की तरफ से राज्य के उत्तर पश्चिमी हिस्से और उससे सटे हुए मध्य भाग के जिलों में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. रांची में शुक्रवार सुबह से हो रही है मूसलाधार और भारी वर्षा के कारण शहर के निचले इलाकों में जल प्रलय जैसी स्थिति हो गई है. निचले इलाके में खेलने के लिए बने पार्क तालाबों में तब्दील हो गए हैं. वहीं छोटी नदियां उफान पर हैं.
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शहर के रिहायशी इलाके कोकर में कुछ दिन पहले पार्क हुआ करता था जहां बच्चे खेलते थे. वह आज तालाब में तब्दील हो गया है. वहीं शहर के अति व्यस्त इलाके हरमू में हरमू नदी पूरी तरह से लबालब है. नदी का पानी सड़कों से होते हुए लोगों के घरों में समा गया है. वहीं भारी बारिश की वजह से जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. सड़कों पर कई पुराने पेड़ गिर चुके हैं. बिजली व्यवस्था भी चरमरा गई है. मौसम विभाग ने दो और तीन अगस्त को पूरे राज्य में भारी से भरी बारिश का अलर्ट जारी किया है. वाटर लॉकिंग के वीडियो बनाकर स्थानीय लोग सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं और अपनी समस्या बता रहे हैं.
मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि गंगीय पश्चिम बंगाल और उसके आसपास निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. इसके कारण झारखंड के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन देखा रहा है. इसके प्रभाव से अच्छी बारिश हो रही है. उन्होंने कहा कि इसके प्रभाव से दो और तीन अगस्त के राज्य के कई जिलों में अच्छी बारिश देखी जाएगी. हालांकि चार अगस्त के बाद इसकी तीव्रता में कमी आएगी. इसके बाद दो तीन दिनों तक हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होगी. यह साइक्लोनिक सर्कुलेशन धीरे-धीरे उत्तर पश्चिम की तरफ बढ़ रहा है. जैसे जैसे यह आगे बढ़ेगा, इसके प्रभाव में कमी आएगी और बारिश की तीव्रता कम होगी.
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मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि जिन क्षेत्रों के लिए रेड और ऑरेन्ज अलर्ट जारी किया गया है, उन क्षेत्र के लोगों को सावधान रहने के लिए कहा गया है. भारी बारिश के कारण कच्ची सड़कों को नुकसान हो सकता है और सड़क बहने की भी घटनाएं हो सकती हैं. नदियों में अधिक पानी भर सकता है, इसलिए किनारे रहने वाले लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि भारी और लगातार बारिश के कारण कच्चे मकान गिर सकते हैं. पिछले 24 घंटे के दौरान रांची में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है. अभिषेक आनंद ने कहा कि यह बारिश किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी. खास कर उन किसानों के लिए जो धान की खेती के लिए बारिश का इंतजार कर रहे थे.
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