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ओलावृष्टि से 45 बकरियों समेत एक गाय की मौत, कई 150 एकड़ में लगी फसलें भी हुई बर्बाद

ओलावृष्टि से 45 बकरियों समेत एक गाय की मौत, कई 150 एकड़ में लगी फसलें भी हुई बर्बाद

बेमौसम बार‍िश और ओलावृष्टि झारखंड के किसानों के लिए आपदा बनकर आई है. कि‍सान दशरथ उरांव ने बताया की करीब 150 एकड़ की खड़ी फसल इस बार ओलावृष्टि के कारण बर्बाद हुई है.

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जमकर हुई बारिश और ओलावृष्टि के बाद पानी से भरे हुए खेत  फोटोः किसान तक जमकर हुई बारिश और ओलावृष्टि के बाद पानी से भरे हुए खेत फोटोः किसान तक

झारखंड में अक्टूबर महीने के बाद से किसान टकटकी लगाकर आसमान की तरफ बार‍िश के इंतजार में देख रहे थे. खरीफ सीजन पूरा सूखा रहने के बाद पूरा रबी सीजन भी सूखा ही रहा था. हालांकि अब अक्टूबर महीने के बाद जब बादल बरसे तो आसमान से सिर्फ पानी नहीं बरसा है बल्क‍ि कई किसानों के लिए आफत भी बरसी. बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि के कारण किसानों को फसलों का खूब नुकसान हुआ है, इसके अलावा कई किसानों की बकरियों की मौत ओला वृष्टि के कारण हुई है. अब किसान टकटकी लगाए मुआवजा मिलने का इंतजार कर रहे हैं, जिससे उनके नुकसान की भरपाई होना संभव नहीं है. 

झारखंड के रांची जिला अंतर्गत खखरा पंचायत के खखरा में ओलावृष्टि के कारण गांव के किसानों को काफी नुकसान हुआ है. गांव में करीब 500 की आबादी रहती है और यहां पर 90 फीसदी परिवार आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं. ऐसे में हुई ओलावृष्टि यहां के किसानों के लिए आपदा बनकर आई है. गांव के मुखिया दशरथ उरांव ने बताया की करीब 150 एकड़ की खड़ी फसल इस बार ओलावृष्टि के कारण बर्बाद हुई है. इसके अलावा गांव में ओला गिरने के कारण 45 बकरियों और एक गाय की मौत हो गई. इतना ही नहीं दो किसानों को गंभीर चोट भी आई थीं.

नाकाफी होती है मुआवजे की रकम

गांव के अन्य किसान धनराज महतो ने बताया की घटना के बाद क्षेत्र के विधायक और अंचलाधिकारी गांव में निरीक्षण करने के लिए आए थे. उन्होंने किसानों को उचित मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया है. धनराज ने कहा क‍ि गांव में एक दिव्यांग व्यक्ति है, जो बकरियां चराने का काम करता है. उसके पास भी कुल सात बकरियां थी, जो इस ओलावृष्टि में मर गई. धनराज ने बताया कि उनके खेत में सेम लगे हुए थे, वो पूरी तरह से नष्ट हो गए. मुआवजा राशि पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि किसान को जितने का नुकसान होता है. उतना मुआवजा नहीं मिलता है.

अब मुआवजा मिलने का इंतजार कर रहे किसान

वहीं किसान पारसनाथ महतो ने कहा कि उनकी तीन बकरियों की मौत इस ओलावृष्टि में हुई है. इसके अलावा उनके खेत में मटर औऱ फूलगोभी लगी हुई थी, जो पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. उन्होंने मुआवजे के लिए आवेदन दिया है. अब मुआवजा मिलने का इंतजार कर रहे हैं. वहीं एक अन्य किसान अजय महतो ने बताया कि उनकी साढ़े तीन एकड़ की फसल बर्बाद हो गई है. दो एकड़ में तरबूज की फसल लगी थी, लेक‍िन, ओलावृष्टि के कारण सभी फल झड़ गए हैं. इसके अलावा मटर और धनिया की खेती को नुकसान हुआ है. किसानों ने कहा की जमीन के अंदर होने वाले फसल गाजर और आलू को छोड़कर सभी फसलों को नुकसान हुआ है.