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हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर, अब तक 192 करोड़ की फसलों का हुआ नुकसान

हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर, अब तक 192 करोड़ की फसलों का हुआ नुकसान

मई महीने में हिमाचल प्रदेश में इतनी बारिश हुई कि करोड़ों रुपये की फसलें बर्बाद हो गईं. यह राशि 192 करोड़ की बताई जा रही है. इनमें ऐसी फसलें शामिल हैं जो कटने वाली थीं. इसके अलावा सेब और आम के बागानों में भी भारी नुकसान देखा जा रहा है.

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हिमाचल प्रदेश में सेब की फसल को भारी नुकसान हुआ है हिमाचल प्रदेश में सेब की फसल को भारी नुकसान हुआ है

हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर देखने को मिल रहा है. मई में तो बारिश का रिकॉर्ड ही तोड़ दिया है. हिमाचल में मई महीने में 84 फीसद अधिक बारिश दर्ज की गई है जो कि पिछले 19 साल का रिकॉर्ड है. इस बिन मौसम बारिश की वजह से प्रदेश में कई फसलों का भारी नुकसान हुआ है. यह नुकसान 192 करोड़ रुपये से अधिक का है. प्री-मॉनसून सीजन की बारिश से इतना बड़ा नुकसान देखने को मिला है. मई में सामान्य तौर पर 63.3 एमएम बारिश होती है जबकि इस बार 116.8 एमएम बारिश हुई है. शिमला IMD के डायरेक्टर सुरेंदर पॉल ने PTI को यह जानकारी दी.

पॉल ने कहा कि 2004 से उपलब्ध आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में मई 2023 में सबसे अधिक बारिश देखी गई. अब तक मई में कम बारिश दर्ज की जाती रही है. हालांकि 2010 और 2016 मई कुछ अधिक बारिश हुई थी. इन दोनों साल में क्रमशः 28 फीसद और पांच फीसद अधिक बारिश दर्ज की गई थी. इस साल छह एक्टिव पश्चिमी विक्षोभों ने मई में हिमाचल प्रदेश को प्रभावित किया जिससे छिटपुट से लेकर अधिक बारिश तक दर्ज की गई.

बारिश में 342 परसेंट का उछाल

पिछले हफ्ते में 12.3 मिमी के सामान्य के मुकाबले 54.4 मिमी बारिश दर्ज की गई जो कि 342 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाती है. मौसम विभाग के आंकड़ों से इस बात की जानकारी मिलती है. इस साल के प्री-मॉनसून सीजन में एक मार्च से 30 मई तक सामान्य 240.7 मिमी के मुकाबले 286 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 19 प्रतिशत से अधिक है.

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मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि राज्य में चल रहे प्री-मॉनसून सीजन में 192 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. इसमें बागवानी फसलों में 91 करोड़ रुपये और कृषि फसलों में 55 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मई में बेमौसम बारिश ने उन फसलों को नुकसान पहुंचाया जो पकने वाली थीं. इसके अलावा आम और सेब के बागानों को भी भारी क्षति देखी गई है. हालांकि उन क्षेत्रों में किसानों को फायदा हुआ जहां बारिश नहीं हुई थी क्योंकि बारिश ने मिट्टी में नमी की मात्रा बनाए रखी.

पश्चिमी विक्षोभ का दिखा असर

इस बीच मौसम विभाग ने कहा है कि गुरुवार से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है जिससे देश का उत्तर पश्चिम इलाका प्रभावित हो सकता है. MeT ऑफिस ने किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़कर गुरुवार को 12 में से 10 जिलों में गरज, बिजली और तेज हवाओं के लिए 'येलो वॉर्निंग' जारी की है. MeT ने शुक्रवार और शनिवार को पांच से सात जिलों में गरज और बिजली गिरने का भी अनुमान लगाया है.

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लगातार बारिश और पारा में भारी गिरावट के बाद हमीरपुर जिले के सभी हिस्सों में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सूत्रों ने कहा कि जिले से होकर बहने वाली ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है और लोगों को नदी के किनारे न जाने की चेतावनी दी गई है.