देश में कृषि के क्षेत्र में सिर्फ पुरुष ही नहीं महिलाएं भी आगे आकर अपनी परचम लहरा रही हैं. ऐसी ही एक किसान हैं जो एमबीए ग्रेजुएट हैं. इनका नाम स्मारिका चंद्राकर है जो आज लाखों में कमाई कर रही हैं. उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से ये साबित कर दिया है कि कुछ भी संभव है. छत्तीसगढ़ की इस लड़की ने एक सफल कॉर्पोरेट नौकरी से लेकर फ़ुल टाइम खेती तक का सफलतापूर्वक सफर तय किया है. साथ ही कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं. वहीं, सब्जी की खेती से 1.5 करोड़ रुपये की कमाई करती हैं. इस प्रतिभाशाली लड़की ने साबित कर दिया है कि खेती भी एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है. आइए जानते हैं MBA पास किसान स्मारिका की कहानी.
MBA पास स्मारिका चारमुडिया गांव में पली-बढ़ी हैं और अपने पिता और दादा के साथ खेती की जीवनशैली में रही हैं. खेती-किसानी वाली जीवन के उतार-चढ़ाव के बावजूद, उन्होंने खुद को जल्दी से ढाल लिया और छोटी उम्र से ही खेती की मूल बातें सीख लीं. उन्होंने रायपुर में कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. उसके बाद पुणे में MBA किया. पुणे में सीनियर बिजनेस डेवलपमेंट एग्जीक्यूटिव के तौर पर पांच साल काम करने के बाद, वह अपने परिवार के साथ रहने के लिए रायपुर आ गईं. काम के बीच में ही अपने परिवार के साथ खेत पर जाने से उनमें खेती के प्रति रुचि फिर से जग गई, जिसके बाद वो खेती-किसानी में उत्पादकता बढ़ाने को लेकर सोचने लगीं और खेती करने लगीं. स्मारिका अब अपने पिता और भाई के साथ धारा कृषि फार्म चलाती हैं.
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पारंपरिक फसल यानी धान की तुलना में सब्जियों की खेती में ज्यादा मुनाफा होने की वजह से उन्होंने अपनी जमीन पर सब्जियों के साथ प्रयोग करना शुरू किया. इन प्रयोगों की सफलता ने उन्हें 20 एकड़ से ज़्यादा ज़मीन पर सब्जियों की खेती करने के लिए प्रेरित किया और 2021 में अपनी नौकरी छोड़कर वो पूरे तरीके से किसान बन गईं. फिर उन्होंने सब्जी की खेती में पाया कि कम समय में तैयार होने वाली सब्जियां और साल में कई बार फसलें लेने वाली सब्जियां धान और गेहूं जैसी पारंपरिक फसलों से ज़्यादा मुनाफ़ा देती हैं.
स्मारिका ने अपनी खेती के तरीकों में बदलाव किया, जिसमें गाय के गोबर और वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करके मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार, बाड़ लगाना, उचित जल निकासी प्रणाली बनाना और ड्रिप सिंचाई को लागू करना शामिल था.
कृषि सलाहकार की मदद से, उन्होंने सफलतापूर्वक अपनी पहली टमाटर की फसल उगाई, जिससे उन्हें पहले साल में प्रति एकड़ 50 टन की शानदार उपज मिली, तब से स्मारिका ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वो आज सब्जी की खेती से 1.5 करोड़ रुपये की कमाई कर रही हैं. साथ ही उन्होंने कई स्थानीय लोगों को रोजगार के मौके दिए हैं और खेती के माध्यम से अपने क्षेत्र को बदलने का लक्ष्य रखा है.
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