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Success Story: 10 एकड़ बंजर जमीन पर कर रहे कई फसलों की खेती, 20 लाख रुपये से ज्यादा कमाई!

Success Story: 10 एकड़ बंजर जमीन पर कर रहे कई फसलों की खेती, 20 लाख रुपये से ज्यादा कमाई!

नांदेड़ जिले की भोकर तहसील के भोसी गांव के उच्च शिक्षित किसान नंदकिशोर गायकवाड़ ने इन सभी चुनौतियों का साहस के साथ सामना किया. बड़ी लगन, साहस और सरलता से उन्होंने बागवानी में सफल प्रयोग किया है. 10 एकड़ बंजर भूमि पर न केवल आम, बल्कि आम, चना, जामभूल, अनार, शरीफा, रामफल, काजू, सेब, अंजीर, इलायची, तेजपत्ता की भी सफलतापूर्वक खेती की गई है.

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Crop Cultivation Crop Cultivation

नांदेड़ का किसान आज वहां के लोगों के लिए मिसाल बन चुका है. 10 एकड़ बंजर भूमि पर उगाए गए 50 नमूना फलों के बगीचे. एक उच्च शिक्षित युवा ने प्रतियोगी परीक्षा में असफलता से न थकते हुए पेरू, आम, चीकू सेब और सीताफल की खेती शुरू की. सालाना आय लाखों रुपये है. पचास बागों में अंजीर, काजू, सुपारी, सुपारी आदि की खेती हो रही है.

10 एकड़ बंजर जमीन पर उगा रहे फल

नांदेड़ जिले की भोकर तहसील के भोसी गांव के उच्च शिक्षित किसान नंदकिशोर गायकवाड़ ने इन सभी चुनौतियों का साहस के साथ सामना किया. बड़ी लगन, साहस और सरलता से उन्होंने बागवानी में सफल प्रयोग किया है. 10 एकड़ बंजर भूमि पर न केवल आम, बल्कि आम, चना, जामभूल, अनार, शरीफा, रामफल, काजू, सेब, अंजीर, इलायची, तेजपत्ता की भी सफलतापूर्वक खेती की गई है और लाखों की आय अर्जित की गई है.

बंजर जमीन को बनाया बगीचा

किसान नंदकिशोर गायकवाड़ ने बीए तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद पुणे में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. लगातार पांच साल तक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की. सभी लोग उन्हें पागल समझते थे. लेकिन लगन और मेहनत से नंद किशोर अपने फैसले पर कायम रहे और बंजर जमीन पर बगीचा लगाने का सफल प्रयोग किया. नंदकिशोर के पास वर्तमान में इस बंजर भूमि पर आम, सेब, पेरू, मोसम्बी, काजू, जाम्भूल, अनार, कस्टर्ड सेब, रामफल, अंजीर, इलायची, तेज पत्ता आदि जैसे 50 से अधिक फलों के पेड़ हैं.

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इतनी कमाई की उम्मीद है

किसान नंद किशोर ने बताया कि उनके पास पेरू के 3000, आम के 1000, काजू के 500 और नींबू के 1000 पेड़ हैं. इस साल भी किसान को पेरू उत्पादन से 20 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई की उम्मीद है. पेरू (अमरूद) की पिछले साल आय 14 लाख रुपये थी. साथ ही आम, काजू, बैंगनी अनार, सीताफल और रामफल के बागों से भी लाखों रुपये की आमदनी होती है.

नांदेड़ जिले में किसान कर रहे आत्महत्या!

नंदकिशोर ने शुरुआत में बंजर भूमि में फसल बोने से पहले कुशल सिंचाई सुविधाएं तैयार कीं. पथरीली भूमि पर एक कुआँ खोदा गया. इसके बाद बोर से पानी नीचे कुएं में छोड़ दिया गया. सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली बनाई गई. नंदकिशोर का यह भी कहना है कि उत्पादित माल की मांग स्थानीय बाजारों के साथ-साथ जिले से सटे परभणी और हिंगोली में भी है. इस बीच, जबकि नांदेड़ जिले में किसानों की आत्महत्या दर बहुत अधिक है, हर किसान को लगन और मेहनत से खेती करनी चाहिए, इससे अच्छी आय होगी, ऐसी जानकारी किसान नंदकिशोर ने दी है. बंजर भूमि पर नंद किशोर का सफल प्रयोग प्रेरणादायक है.