केदारघाट के टेमरिया गांव में रहने वाले कपिल शर्मा ने पशुपालन (cattle farming) और सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में बड़ा काम किया है. वे पशुपालन और सब्जी उत्पादन (vegetable farming) में स्वरोजगार कर रहे हैं, साथ ही गांव के आठ से दस लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. काश्तकार कपिल शर्मा सब्जी और दूध बेचकर हर साल 15 से 20 लाख रुपये की आय अर्जित कर रहे हैं. स्वरोजगार, लोगों को रोजगार देने और अपनी खेती से अच्छी कमाई लेने का नतीजा है कि कपिल शर्मा को जिला स्तर पर सम्मनित किया जा चुका है. उनकी खेती आज कई गांवों के किसानों के लिए उदाहरण बन गई है. दूर-दूर के किसान कपिल शर्मा से सीख लेकर आधुनिक खेती पर जोर दे रहे हैं.
काश्तकार कपिल शर्मा बागान और पशुपालन के क्षेत्र में कड़ी मेहनत और लगन से काम कर रहे हैं. वे अभी 50 नाली भूमि में सब्जी की खेती कर रहे हैं जिसमें बंदगोभी, मटर, आलू, प्याज, लहसून, बैंगन, भिंडी प्रमुख है. काश्तकार कपिल शर्मा ने 14-15 गाय भी पाल रखी है और डेयरी का काम करते हैं. पोल्ट्री और तीन तालाबों में मत्स्य पालन भी किया जा रहा है. इन सभी काम में कपिल शर्मा ने अपने आसपास के आठ से 10 लोगों को रोजगार दिया है. इन लोगों की रोजी-रोजी कपिल शर्मा की खेती से अच्छी चल रही है.
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किसान कपिल शर्मा का कहना है कि साल 2012 में उन्होंने सब्जी बोने की शुरुआत की थी. खेत में खाद के लिए जब गोबर की जरूरत पड़ी तो डेयरी का काम शुरू किया. इसके लिए पशुपालन पर जोर दिया और गाय पालने का काम शुरू किया. धीरे-धीरे काम में बढ़ोतरी हुई तो अन्य लोगों को भी अपने साथ जोड़कर रोजगार दिया. उन्होंने कहा कि अब फार्मिंग पर काम किया जा रहा है, ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक भी यहां पहुंच सकें.
किसान कपिल शर्मा के फार्म हाउस का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि वे सभी विभागों के साथ मिलकर स्वरोजगार की दिशा में अच्छा काम कर रहे हैं और उन्होंने अच्छे फार्म का निर्माण किया है. कम लागत से शुरुआत करके इन्होंने स्वरोजगार अपनाया और अन्य लोगों को भी रोजगार देकर अच्छा काम कर रहे हैं. जिलाधिकारी के साथ कई लोगों की टीम कपिल शर्मा के खेतों में पहुंची जहां नई तरह की खेती के बारे में जानकारी मिली. वहां पता चला कि किसान एक साथ पोल्ट्री, पशुपालन (cattle farming) और मत्स्य पालन कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. इसमें स्वरोजगार के साथ दूसरों को रोजगार देने की भी भरपूर संभावनाएं हैं.
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कपिल शर्मा ने अपने फार्म में कई जर्सी गायों को पाला है जिससे दूध का बिजनेस (dairy farming) चल रहा है. इसमें कुछ देसी नस्ल की गायें भी हैं. मुर्गी पालन से भी अच्छी कमाई हो रही है. साथ में मछलियां बेचकर भी कपिल शर्मा बेहतर कमाई कर रहे हैं. देसी नस्ल की मुर्गियां अच्छी कमाई देती हैं. इन मुर्गियों की मांग भी बहुत है. इसे देखते हुए कपिल शर्मा ने कई अलग-अलग वेरायटी की मुर्गियां अपने फार्म में पाल रखी हैं. इन मुर्गियों का सही विकास हो सके, इसके लिए उन्हें बाड़े से अधिक बाहर खुली हवा में चूगने और घूमने दिया जाता है.
मछली पालन के लिए साफ पानी के तालाब खुदवाए गए हैं. इन तालाबों में साफ-सफाई के अलावा हर उस प्रबंधन का खयाल रखा गया है जिससे मछलियों का सेहत सही रहे और समय पर अच्छी ग्रोथ हो. मीठे पानी के तालाब की मछलियां स्वादिष्ट होने से बाजार में उनकी बहुत मांग है. इन मछलियों की अच्छी कीमत मिल जाती है. कपिल शर्मा के फार्म से निकली मछलियां दूर-दूर तक सप्लाई की जाती हैं. इस काम में उन्हें कई लोगों की मदद मिल रही है जो कपिल शर्मा के फार्म पर काम करते हैं. इससे लगभग 10 लोगों को रोजगार मिला हुआ है.(रिपोर्ट-प्रवीण सेमवाल)
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