तीन सैटेलाइट, छह राज्य, 76 दिन और 70 हजार केस...पराली जलाने की ये है पूरी रिपोर्ट

तीन सैटेलाइट, छह राज्य, 76 दिन और 70 हजार केस...पराली जलाने की ये है पूरी रिपोर्ट

केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय ने नासा के तीन सैटेलाइट की मदद से पंजाब, हर‍ियाणा, द‍िल्ली, यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश के खेतों में पराली जलाने के मामलों की 15 स‍ितंबर से लेकर 30 नवंबर तक न‍िगरानी की. इस दौरान क‍िसानों ने 69,615 जगहों पर पराली में आग लगाई, जो प‍िछले साल के मुकाबले काफी कम है.

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तीन सैटेलाइट, छह राज्य, 76 दिन और 70 हजार केस...पराली जलाने की ये है पूरी रिपोर्टपराली जलाने के मामलों में कमी.

रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं और सरसों की बुवाई लगभग पूरी होने वाली है. ऐसे में पराली जलाने की घटनाएं कई द‍िन पहले ही बंद हो गई हैं. इसल‍िए सरकार ने इस पर न‍िगरानी रखना भी अब बंद कर द‍िया है. फ‍िर भी द‍िल्ली वालों तुम्हारे शहर की हवा जहरीली है. आज 6 द‍िसंबर को सुबह जब मैं यह खबर ल‍िख रहा हूं तब श्रीन‍िवासपुरी का एयर क्वाल‍िटी इंडेक्स 360 है. ज‍िसे खतरनाक माना जाता है. यह प्रदूषण तुम्हारी खुद की खेती है. इसल‍िए प्लीज क‍िसानों को कोसना बंद करो. हालांक‍ि, यहां हम आपको लेक्चर देने नहीं बल्कि यह बताने आए हैं क‍ि क‍िसान अब पराली जलाना कम करने लगे हैं. 

प‍िछले साल यानी 2021 के मुकाबले इस बार पराली जलाने की 32 हजार घटनाएं कम हो गई हैं. आईए इस साल पराली जलाने की पूरी र‍िपोर्ट को समझते हैं. केंद्र सरकार ने पराली जलाने के मामलों का पता करने के ल‍िए नासा के तीन सैटेलाइट की मदद ली. इनके जर‍िए 15 स‍ितंबर से 30 नवंबर तक क‍िसानों पर नजर रखी गई. यानी 76 द‍िन तक पंजाब, हर‍ियाणा, द‍िल्ली, यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश के खेतों की पल-पल की मॉन‍िटर‍िंग की गई. 

पंजाब बदनाम, एमपी की चर्चा तक नहीं 

पता चला है क‍ि इस साल इन सभी सूबों में 69,615 जगहों पराली जलाई गई. जबक‍ि 2021 में इससे अध‍िक केस तो अकेले पंजाब के थे. छह सूबों में कुल 92047 केस म‍िले थे. इसके ल‍िए क‍िसानों को साधुवाद क‍ि वो अब पराली जलाने के साइड इफेक्ट को समझने लगे हैं. प‍िछले महीने हमने हर‍ियाणा के सोनीपत और पलवल ज‍िले का दौरा क‍िया था, जहां ज्यादातर क‍िसान पारंपर‍िक तरीके से धान की कटाई करवा रहे थे. आप आंकड़ों का व‍िश्लेषण करेंगे तो पाएंगे क‍ि सबसे ज्यादा मामले पंजाब के ज‍िलों में आए हैं लेक‍ि‍न, उसके बाद नंबर मध्य प्रदेश का आता है. ज‍िस पर कोई चर्चा ही नहीं होती. 

पराली जलाने के मामले
पराली जलाने के मामले.

मध्य प्रदेश में बढ़ गईं घटनाएं 

इस साल चार राज्यों पंजाब, हर‍ियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पराली जलाने के मामले काफी कम हुए हैं. जबक‍ि, मध्य प्रदेश और द‍िल्ली में केस बढ़ गए हैं. एमपी में पराली जलने के 3577 केस बढ़े हैं तो द‍िल्ली में 6 मामले अध‍िक र‍िपोर्ट क‍िए गए हैं. हालांक‍ि मध्य प्रदेश में पराली जलने की घटनाओं को द‍िल्ली वाले कभी हौवा नहीं बनाते. उन्हें द‍िल्ली स‍िर्फ हर‍ियाणा और पंजाब से होती है. सुखद यह है क‍ि इन दोनों में मामले घट गए हैं. 

पराली जलाने के ल‍िए कुख्यात ज‍िले.
पराली जलाने के ल‍िए कुख्यात ज‍िले.

इन सैटेलाइट की ली गई मदद 

सरकार ने पराली जलाने के मामलों की न‍िगरानी करने के ल‍िए नासा के तीन सैटेलाइट (S-NPP, AQUA, TERRA) की मदद ली. इनके जर‍िए पता चला क‍ि क‍िस अक्षांश और देशांतर पर क‍ितने बजे पराली जलाई गई. यहां तक क‍ि उस आग का पावर क‍ितना था इसे भी र‍िकॉर्ड क‍िया गया. गाड़ियों, फैक्ट्रियों और कंस्ट्रक्शन से क‍ितना प्रदूषण हो रहा है इसकी भी सैटेलाइट से मॉन‍िटर‍िंग होती तो शायद जनता की आंख खुलती क‍ि प्रदूषण के असली गुनहगार कौन हैं. 

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