मध्य प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. महिलाएं इन योजनाओं का लाभ उठाकर आगे भी बढ़ रही है. आज इस क्रम में हम आपको एक ड्रोन दीदी की कहानी बताने जा रहे हैं, जो इलाके में चर्चा में बनी हुईं हैं. दरअसल, ग्वालियर के मोहना और इसके आस-पास के गांवों में इन दिनों ड्रोन दीदी निधा की चर्चा में बनी हुईं हैं. उन्होंने चंद महीनों में साढ़े तीन लाख रुपये आय हासिल की है.
निधा ड्रोन तकनीक से नैनो खाद का छिड़काव का काम करती हैं. वे इलाके में कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति को आगे बढ़ा रही हैं. साथ ही इस काम के जरिए आत्मनिर्भर बनकर महिला सशक्तिकरण की इबारत लिख रही हैं. सरकार की ओर से चलाई जा रही “नमो ड्रोन दीदी” योजना से निधा का जीवन बदल गया है.
ग्वालियर जिले की नगर परिषद मोहना की रहने वाली निधा अख्तर कहती हैं कि भारत सरकार की नमो ड्रोन दीदी योजना ने उनकी जिंदगी बदल दी है. उन्होंने मोहना और आसपास के गांवों के 325 किसानों के खेतों में धान, मटर, सरसों, टमाटर और अन्य सब्जियों की फसलों के लगभग 2250 एकड़ रकबे पर ड्रोन से नैनो खाद का छिड़काव किया है. निधा का कहना है कि नैनो खाद छिड़काव से एक साल से भी कम समय में उन्हें लगभग साढ़े तीन लाख रुपये की आय हुई है.
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निधा अख्तर ने बताया कि उन्हें नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत इफको की ओर से ग्वालियर के एमआईटीएस कॉलेज में ड्रोन उड़ाने की फ्री ट्रेनिंग दिलाई गई. इसके बाद उन्हें संचालनालय नागर विमानन मंत्रालय भारत सरकार से ड्रोन पायलट का लायसेंस मिल गया. लायसेंस मिलने पर इफको ने एक ड्रोन, एक इलेक्ट्रिक गाड़ी और एक जनरेटर उपलब्ध कराया. निधा कहती हैं कि अब वह अपनी आर्थिकी के लिए किसी पर निर्भर नहीं हैं.
निधा अपने आत्मविश्वास, मेहनत और तकनीकी समझ से सफलता हासिल कर इलाके की महिलाओं के लिये प्रेरणास्त्रोत बन गई हैं. निधा और उनकी जैसी तमाम महिलाओं की कहानी ये बयां करती है कि उन्हें सिर्फ एक अवसर और सही मार्गदर्शन की जरूरत है. भारत सरकार की नमो ड्रोन दीदी योजना से हजारों महिलाओं को स्व-रोजगार हासिल हुआ है. इससे न सिर्फ उनकी कमाई हो रही है, बल्कि उनके पूरे परिवार का जीवनस्तर सुधर रहा है.
बता दें कि सरकार रासायनिक खादों के इस्तेमाल को कम करने के लिए नैनो खाद के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है. किसान इसके इस्तेमाल की सही जानकारी न होने पर बचते नजर आते हैं. लेकिन, अब ड्रोन दीदियों के माध्यम से नैनो खाद का इस्तेमाल बढ़ रहा है. जिससे ड्रोन दीदी की भी आय हो रही है और किसानों की लागत व समय की बचत हो रही है.
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