आईआईटी से पढ़ाई करना और पढ़ाई के बाद अच्छी नौकरी पाना देश के करोड़ों लोगों का सपना होता है. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इतना सब कुछ पाने के बाद भी सफलता का पीछा नहीं छोड़ते. ऐसे ही एक शख्स हैं कंट्री चिकन कंपनी के संस्थापक सैकेश गौड़. उन्होंने भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थान आईआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी की और फिर वहीं से 28 लाख रुपये के पैकेज पर एक टेक कंपनी में काम करना शुरू कर दिया. लेकिन ये उनकी मंजिल नहीं थी.
वह अपना खुद का कुछ काम करना चाहता था. वह इसके लिए मौके की तलाश में थे. इसमें दो लोगों ने उनका साथ दिया, हेमंबर रेड्डी और मोहम्मद समीउद्दीन. हेमम्बर रेड्डी मुर्गी पालन का व्यवसाय करना चाहते थे और इसके बारे में जानकारी जुटा रहे थे. इसी दौरान उनकी मुलाकात गौर और समाउद्दीन से हुई. जब इन तीनों ने आपस में बात की तो गौर ने मुर्गी पालन की जगह बड़े पैमाने पर चिकन बेचने का व्यवसाय खड़ा करने का फैसला किया. इस तरह उन्होंने रिटेल मीट के क्षेत्र में कदम रखा. जैसे ही उन्होंने ये काम करने का फैसला किया तो सबसे पहला काम उन्होंने ये किया कि उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी.
आईआईटी वाराणसी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद, साकेश ने एक सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल के रूप में नौकरी हासिल की, जहां उन्हें 28 लाख रुपये का वेतन पैकेज मिला. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संस्थापकों में से एक हेमम्बर रेड्डी को 2009 में कंट्री चिकन्स शुरू करने की इच्छा थी.
ये भी पढ़ें: Success Story: नौकरी के साथ परवल की खेती ने किसान को बनाया धनवान, लाखों में पहुंची कमाई
सैकेश गौड़ और उनके दोस्तों ने हैदराबाद के कुकटपल्ली और प्रगति नगर में भारत में पहला असली देसी चिकन रेस्तरां खोला. उन्होंने अपने कंट्री चिकन रेस्तरां में 70 लोगों को रोजगार दिया. उनके समूह ने दक्षिणी राज्यों में 15,000 पोल्ट्री किसानों के साथ बातचीत की और उन्होंने मार्केट प्राइस पर किसानों से स्थानीय चिकन चूजों को खरीदना शुरू कर दिया.
लगभग एक दशक की उद्यमिता संबंधी गतिविधियों के माध्यम से, उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अनुभव प्राप्त किया है और भारत-व्यापी प्रदर्शन किया है क्योंकि नेतृत्व, आपूर्ति श्रृंखला, विपणन और व्यापार रणनीति में अपनी विशेषज्ञता विकसित करते हुए उन्हें अब तक भारत के 12 विभिन्न राज्यों में काम करने का मौका मिला है.
कंट्री चिकन कंपनी में वह दुनिया के सबसे बड़े खाद्य-संबंधित स्वास्थ्य संकट को हल करने के मिशन पर हैं, जब दुनिया भर में भोजन में मिलावट हो रही है और चूंकि चिकन और अंडे दुनिया में दूसरे सबसे अधिक उपभोग किए जाने वाले खाद्य पदार्थ हैं, यह सबसे बड़ा मिलावटी खाद्य उद्योग है. और वह इसे हल करने के इच्छुक हैं. उनकी टीम ने दक्षिणी राज्यों में 15,000 पोल्ट्री किसानों के साथ एक नेटवर्क बनाया और वे किसानों को अच्छी कीमत देकर देशी चिकन पक्षी खरीद रहे हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today