ओडिशा के गंजम जिले में आने वाले राधामोहनपुर गांव के लोगों ने एक ऐसा कमाल किया है जिससे उनकी किस्मत ही बदल गई है. इन्होंने अपनी बदकिस्मती को अपना सौभाग्य बनाया है और आज यहां कई परिवार अमीर हो गए हैं. अब इन लोगों को मजदूरी करने के लिए दूसरी जगहों पर नहीं जाना पड़ता है बल्कि मशरूम की खेती से इन्होंने अपनी सफलता की नई कहानी लिख डाली है. इस गांव के करीब सारे गांववासी आज मशरूम की खेती करते हैं. यहां के गांववाले करीब तीन टन ताजा धान और ऑयेस्टर मशरूम का उत्पादन करते हैं. एक गांव वाले का दावा है कि इससे ये रोजाना करीब छह लाख रुपये तक कमा लेते हैं.
गांव वाले अपने उत्पादों को पड़ोस के आंध्र प्रदेश और राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बेचते हैं. मां कलुआ सेल्फ हेल्प ग्रुप के सदस्य झिली साहू ने बताया कि गांव में मशरूम से शुद्ध आय करीब दो करोड़ रुपये है. मशरूम से अचार बनाकर और इसे स्थानीय बाजार में बेचकर मुनाफा कमाया जाता है. इस अचार को जिला स्तरीय मेले में बेचा जाता है. गांव वालों की मानें तो मशरूम ने उनका जीवन समृद्ध बना दिया है. अब किसी को भी बाहर जाकर रोजगार और जीविका तलाशने की जरूरत नहीं है. उनकी मानें तो अब वह आत्मनिर्भर हैं और गांव में कोई भी प्रवासी मजदूर नहीं है.
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सुपर साइक्लोन से पहले गांव अपने पान के पत्तों के लिए मशहूर था. यहां के लोग पान की खेती पर निर्भर थे और उसे उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों को निर्यात किया जाता था. तूफान ने उनकी जीविका उनसे छीन ली और फिर उन्हें काम के लिए दूसरी जगह जाना पड़ा. लेकिन उनकी जिंदगी बदली और वो इसके लिए पीके पटनायक का शुक्रिया अदा करते हैं. पटनायक एक रिटायर्ड सरकारी कर्मी हैं जिन्होंने साल 2005 में मशरूम की खेती शुरू की थी. पटनायक जब इस खेती में सफल हुए तो कुछ युवाओं ने भी इसमें रूचि दिखाई.
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गांव के युवाओं ने ओडिशा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी के मशरूम रिसर्च यूनिट से संपर्क किया. इनका मकसद मशरूम की खेती में जरूरी वैज्ञानिक क्षमता को जानना था. यूनिट से ट्रेनिंग मिलने के बाद छह स्पॉन प्रोडक्शन यूनिट को लगाया गया. आज इस गांव में ऐसी 17 यूनिट्स हैं. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों की मदद से गांव वालों ने कॉस्ट इफेक्टिव उत्पादन सीखा और इससे उत्पादन में इजाफा हुआ. हिमाचल प्रदेश के सोलन में स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मशरूम रिसर्च के डायरेक्टर वीपी शर्मा ने इस गांव को पिछले साल भारत का मशरूम विलेज घोषित किया गया है.
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