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Himachal Pradesh: पूर्व कैप्टन बना किसान, 70 साल की उम्र में कायम की मिसाल, बागबानी से हो रही लाखों की कमाई

Himachal Pradesh: पूर्व कैप्टन बना किसान, 70 साल की उम्र में कायम की मिसाल, बागबानी से हो रही लाखों की कमाई

हिमाचल प्रदेश के एक किसान ने मिसाल कायम की है. पूरी जिंदगी आर्मी में बिताने के बाद कैप्टन प्रकाश चंद ने 70 साल की उम्र में खेती-किसानी का फैसला किया. उन्होंने बागबानी शुरू की और अब हर साल लाखों रुपये कमा रहे हैं.

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आर्मी से रिटायर होने के बाद 70 की उम्र में शुरू की बागबानी (फोटो- किसान तक) आर्मी से रिटायर होने के बाद 70 की उम्र में शुरू की बागबानी (फोटो- किसान तक)

'उम्र सिर्फ एक नंबर है' ये कहावत आपने किसी ने किसी से सुनी जरूर होगी. ऐसी कहानियों की भी कमी नहीं है जिन्होंने इस कहावत को सच साबित किया है. उम्र के उस पड़ाव पर आकर भी कई लोग मिसाल बने हैं जब लोग कुछ भी कर 
पाने की हिम्मत और उम्मीद दोनों ही खो देते हैं. ऐसी ही एक मिसाल पेश कर रहे हैं कैप्टन प्रकाश चंद. आर्मी से रिटायर होने के बाद उन्होंने खेती की शुरुआत की और अब 70 साल की उम्र में अपनी खेती को भी एक मिसाल ही बना दिया है. जानिए क्या है उनकी खेती की खासियत और कैसे शुरू हुई ये कहानी-

इस साल 3-4 लाख रुपये की आमदनी!

कैप्टन प्रकाश चंद हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के गांव कैहड़रू के रहने वाले हैं. 70 साल की उम्र में वह बागबानी का काम कर रहे हैं. उन्होंने 20 कनाल भूमि पर मौसंबी के पौधे लगाए हैं. इससे उन्हें हर साल लाखों रुपये की आमदनी हो रही है. खुद बागबान कैप्टन प्रकाश चंद बताते हैं कि बागबानी शुरू करने के दूसरे साल उन्होंने अपने बगीचे से 600 हजार रुपये की आमदनी ली. तीसरे साल उन्होंने करीब दो लाख रुपये की आमदनी हुई. अब उन्हें 4 साल होने वाले हैं लेकिन इस बार भारी बारिश के चलते अनार की फसल कम हुई है जबकि मौसंबी की फसल बंपर होने की उम्मीद है. उन्हें उम्मीद है कि इस साल तीन से चार लाख रुपए की आमदनी होगी.

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कैसे शुरू हुआ बागबानी का सफर

कैप्टन प्रकाश चंद ने साल 2019 में एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत बागवानी करने का फैसला लिया. एचपी प्रोजेक्ट के तहत किसानों को बागबानी करने के टिप्स और आर्थिक सहायता मुहैया करवाई जाती है. एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत ही कैप्टन प्रकाश चंद ने बंजर पड़ी 20 कनाल भूमि पर मौसंबी और अनार के पौधे लगाए. अब कैप्टन प्रकाश चंद अपने बगीचे में मौसंबी और अनार के साथ सब्जी उत्पादन भी कर रहे हैं.

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युवा किसानों को दी ये सलाह

प्रकाश चंद ने बताया कि वह सुबह 5:00 बजे ही उठ जाते हैं और अपनी बागवानी का कामकाज स्वयं ही करते हैं. वही प्रकाश चंद ने कहा कि जो किसान अपनी जमीनों को खाली छोड़ रहे हैं उन किसानों को बागवानी अपनानी चाहिए जिससे उन्हें काफी अधिक आय होगी. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मुख्यतः मक्की और गेहूं की बिजाई की जाती है लेकिन इससे किसानों को उतनी आमदनी नहीं हो पाती है, जिस कारण किसान खेतीबाड़ी को छोड़ रहे हैं. उन्होंने किसानों को नसीहत दी है कि पारंपरिक खेती को छोड़कर अपनी जमीनों में बागवानी का काम करें, जिससे उन्हें लाखों रुपए की आमदनी घर बैठे ही प्राप्त होगी.