अमरूद शायद एक ऐसा फल है जिसमें मौजूद पौष्टिक तत्व और जिसका स्वाद उस हर उम्र के लोगों का पसंदीदा फल बना देता है. आज हम आपको एक ऐसा किसान की कहानी बताने जा रहे हैं जिसके लिए अमरूद की खेती सफलता की गारंटी बन गई. इस किसान ने अमरूद की एक खास किस्म की खेती करके लाखों रुपये का मुनाफा कमाया. अब यह बाकी किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं. दरअसल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टीकल्चर बेंगलुरु की तरफ से अमरूद की 'अर्का किरण' किस्म को विकसित किया गया है. यह एक अमरूद F1 हाइब्रिड किस्म है जिसे किसान ने अपने खेत में लगाया.
आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के रहने वाले जी. क्रांति कुमार ने अपने खेत में अमरूद की F1 हाइब्रिड को उगाया. यह किस्म कई तरह के फायदों से भरपूर है. यह एक ऐसी किस्म है जो समय से पहले ही फल देती है. इस किस्म में फल गहरा लाल और भरपूर गूदे वाला मध्यम आकार का गोल होता है. इसमें लाइकोपीन की मात्रा (7.14 मिलीग्राम / 100 ग्राम) ज्यादा होती है. प्रकाशम जिले के इसुका दारसी गांव के बी.टेक. ड्रॉप आउट कुमार को फलों की खेती का शौक है. उन्होंने इस किस्म की खेती के बारे में जानकारी हासिल करने और ट्रेनिंग हासिल करने के लिए ICAR, बेंगलुरु का दौरा किया. उन्होंने ICAR-IIHR के लाइसेंसधारी - मेसर्स ब्लूम इरिगेशन सिस्टम्स, प्राइवेट लिमिटेड, प्रशांति नगर, विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश के कृष्णैया से फल को उगाने के लिए जरूरी सामान भी खरीदा.
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अल्ट्रा हाई डेंसिटी मेडो ऑर्चर्ड विधि, यानी प्रति एकड़ 2,000 पौधे, में अर्का किरण उगाने और जल्द से जल्द निवेश की लागत के बराबर कीमत पाने के इरादे से उन्होंने अमरूद के बाग को सफलतापूर्वक उगाने के लिए सितंबर-2018 में पांच एकड़ क्षेत्र में और फरवरी-2019 में 2x1 मीटर की दूरी पर 5 एकड़ में पौधे लगाए. आईसीएआर-आईआईएचआर की परंपराओं का पालन करते हुए कुमार अपने खेत में वनस्पति, पंचकाव्य, दशकाव्य, गोबर का घोल, जीवामूर्त और अग्निस्त्र जैसे ऑर्गेनक उर्वरक तैयार कर लिए थे. साथ ही अमरूद की फसल सही तरह से बढ़े इसके लिए कीटों और बीमारियों को नियंत्रित करना जरूरी था. उस पर नियंत्रण के लिए पत्तियों पर इस उर्वरक को पोषण के तौर पर डालते थे.
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इससे उन्हें अमरूद की अच्छी फसल मिली. पहले साल 7 टन और दूसरे साल 20 टन की उम्मीद थी. वह लगातार बाजार में अपनी उपज 35000 रुपये प्रति टन के हिसाब से बेच सके. साथ ही 300 लीटर फलों का रस 15 रुपये प्रति टन के हिसाब से बेचने में सफल हुए. अर्का किरण के बेहतर फलों के रंग, फलों के स्वाद और फसल की सही और प्रीमियम कीमत के साथ ही शुद्ध रिटर्न मिलने से वह काफी खुश हुए. उन्होंने पहले साल 2.45 लाख रुपये कमाए और 3 लाख रुपये प्रति एकड़ के निवेश के साथ दूसरे साल में सात लाख रुपये की कमाई उन्हें हुई. फलों की बिक्री के अलावा, वे फलों के रस भी तैयार करते थे और पहले साल में 18000 रुपये की एक्स्ट्रा इनकम भी उन्हें हुई. कुल मिलाकर, उनकी इनकम पहले साल में ही 2,45,000 रुपये से बढ़कर 2,63,000 रुपये हो गई.
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