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गुजरात का किसान गधी का दूध बेचकर महीने में कमा रहा है 3 लाख, केरल तक करता है सप्लाई

गुजरात का किसान गधी का दूध बेचकर महीने में कमा रहा है 3 लाख, केरल तक करता है सप्लाई

सोलंकी का कहना है कि राज्य सरकार से अब तक सहायता नहीं मिली है. इसके बावजूद भी अच्छी कमाई कर रहे हैं. उनका कहना है कि गधी का दूध औषधीय गुणों से युक्त होता है. गधी का दूध काफी हद तक मानव दूध जैसा माना जाता है, जो इसे गाय के दूध से एलर्जी वाले शिशुओं के लिए एक आदर्श विकल्प बनाता है. इसके अलावा गधी का दूध मधुमेह रोगियों के लिए भी फायदेमंद है.

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गधी पालन का बिजनेस शुरू किया किसान. (सांकेतिक फोटो) गधी पालन का बिजनेस शुरू किया किसान. (सांकेतिक फोटो)

गुजरात के पाटन जिले में धीरेन सोलंकी नाम के एक किसान ने कमाल कर दिया है. वे गधी का दूध बेचकर महीने में 3 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं. खास बात यह है कि सोलंकी गधी के दूध को ऑनलाइन भी बेचते हैं. इसके लिए उन्होंने ऑनलाइन व्यवसाय शुरू किया है. इससे उनकी पूरे जिले में चर्चा हो रही है. अब दूसरे किसान भी इनसे दूध बेचकर अधिक से अधिक कमाई करने की ट्रेनिंग ले रहे हैं. 

द इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, धीरेन सोलंकी पहले प्राइवेट नौकरी करते थे. इस नौकरी में उन्हें बहुत कम सैलरी मिलती थी. इतने रुपये में वे अपने घर के महीने का खर्च  भी नहीं चला पाते थे. ऐसे में उन्होंने कुछ रोजगार करने के बारे में सोंचा. तभी उनके दिमाग में गधे का बिजनेस शुरू करने का विचार आया. क्योंकि गधी का दूध बहुत महंगा बिकता है. अभी एक किलो गधे के दूध की कीमत 5000 रुपये है. ऐसे में सोलंकी ने सीमित संसाधनों में गधे पालना शुरू कर दिया. इसके दूध बेचने से उन्हें अच्छी कमाई भी होने लगी. धीरे-धीरे इनकम बढ़ने पर उन्होंने गधों की संख्या भी बढ़ाई. 

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22 लाख रुपये से शुरू किया बिजनेस

सोलंकी ने 22 लाख रुपये लगाकर सिर्फ 20 गधे से बिजनेस शुरू किया. आज उनके फार्म में कई गधे हैं. हालांकि, सोलंकी के लिए गधे का पालन करना इतना आसान नहीं था. शुरुआत में उन्हें कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उनका कहना है कि गुजरात में गधी के दूध की मांग बिल्कुल नहीं है. ऐसे में उन्होंने दूसरे राज्यों की ओर अपना ध्यान आकर्षित किया, जहां गधी के दूध की मांग ज्यादा है. आज, वह कर्नाटक और केरल में ग्राहकों को गधी के दूध की आपूर्ति करते हैं, जिनमें कॉस्मेटिक कंपनियां भी शामिल हैं जो अपने उत्पादों में गधी के दूध का उपयोग करती हैं.

5,000 रुपये लीटर बिकता है दूध

सोलंकी का कहना है कि गधा पालन शुरू करने के बाद उनका सबसे बड़ा फैसला ऑनलाइन बिजनेस शुरू करना था. उन्होंने अपनी गधी का दूध बेचने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म बनाया. इस कदम से न केवल उनके ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई, बल्कि उन्हें अपने उत्पाद की अधिक कीमतें भी मिलने लगीं. उनकी गधी का दूध 5,000 रुपये प्रति लीटर बिकता है, जो गाय के दूध के 65 रुपये प्रति लीटर से बहुत ज्यादा है. अभी तक सोलंकी गंधे के बिजनेस के ऊपर 38 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं. उनके पास अभी 42 गधे हैं.

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