सीडलेस लेमन यानी बिना बीज वाले नींबू की खेती कर किसान सालाना लाखों रुपया कमा सकते हैं. मुजफ्फरपुर में एक किसान बिना बीज वाले नींबू की खेती कर सालाना लाखों रुपये कमा रहा है. एक एकड़ में 440 पौधे लगते हैं, जिसकी कुल लागत मात्र 40 हजार रुपये आती है. तीसरे वर्ष से, एक पौधा सालाना लगभग 2000 नींबू का फल देता है. मुजफ्फरपुर के अनिल कुमार खुद बीज रहित नींबू की खेती कर रहे हैं और दूसरे किसानों को भी इसके बारे में बता रहे हैं.
मुजफ्फरपुर पानापुर गांव में किसान अनिल कुमार एक एकड़ में बीज रहित नींबू की खेती कर रहे हैं. अनिल कुमार बताते हैं कि पारंपरिक नींबू की तुलना में बीज रहित नींबू के पौधों में अधिक फल आते हैं. इसके साथ ही एक गुच्छे में लगभग 12-14 नींबू के फल लगते है. नींबू की खेती कर किसान सालाना लाखों रुपये कमा सकते हैं.
किसान अनिल ने बताया कि एक एकड़ में 440 पौधे लगते हैं और एक पेड़ कम से कम दो हजार फल देता है. अगर यह 50 पैसे की दर से भी आएगा तो कम से कम एक हजार एक पौधे से आमदनी होगी.
एक एकड़ में 440 पौधे लगते हैं और एक पेड़ पर कम से कम दो हजार फल लगते हैं. अगर यह 50 पैसे की दर से भी आएगा तो कम से कम एक हजार एक पौधे से आमदनी होगी. एक एकड़ में 440 पौधे लगते हैं. ऐसे में किसान को प्रति एकड़ कम से कम 440 हजार रुपये की कमाई होगी और लागत सिर्फ 40 हजार रुपये प्रति एकड़ है.
इसमें खासियत यह है कि पहले साल से फल आना शुरू हो जाता है और दूसरे साल से फल बेहतर मात्रा में आने लगता है. तीसरे साल से एक पेड़ पर दो हजार फल जरूर लगते हैं. सिडलेश नींबू की चर्चा सुनकर आसपास के जिलों से भी किसान इसे समझने और पौधा खरीदने आ रहे हैं. वैशाली जिले के भगवानपुर प्रखंड के असोई गांव से आए किसान देवांशु ने कहा कि जब उन्होंने सिडलेश नींबू के बारे में सुना तो देखने आए कि इसकी खेती कैसे होती है. साथ ही उन्होंने इसकी खेती और आय के बारे में भी जाना.
पटना से आए राजीव गुप्ता ने कहा कि हम सिडलेश नींबू के बारे में जानकारी लेने आए हैं और हमने इसके बारे में जाना है, हम इसकी खेती करेंगे और इसका कारोबार बढ़ाएंगे.
अनिल कुमार बताते हैं कि बीजरहित नींबू का पौधा 20 रुपये की दर से मिलेगा. खरौना स्थित उनके टिश्यू कल्चर लाइफ में प्रति पौधा 60 रु. एक एकड़ में इसकी खेती करके किसान सालाना 3 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं. अनिल कुमार के मुताबिक बीजरहित नींबू पूरी तरह से व्यावसायिक खेती है.
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