यूपी में योगी सरकार ने किसानों को पराली प्रबंधन से जुड़े ऐसे उपाय अपनाने के विकल्प मुहैया कराने की पहल की है, जिससे पराली किसानों के लिए Source of Income बन सकेगी. प्रदेश में पराली से Bio Compost बनेगी और इसके लिए यूपी में 100 से ज्यादा CBG Plant लगेंगे. पराली प्रबंधन के लिए राज्य सरकार किसानों को बायो डीकंपोजर भी बांटेगी. आम के आम और गुठलियों के दाम की कहावत को अपनाते हुए यूपी के किसान फसल काटने के बाद पराली से भी ऊर्जा संबंधी जरूरतों को पूरा कर सकेंगे. इस प्रकार जो पराली खुद किसानों और पर्यावरण के लिए समस्या मानी जाती रही है, वही पराली अब उनके लिए आमदनी और ऊर्जा का जरिया बन जाएगी.
यूपी सरकार ने पराली से Compressed Bio Gas यानी सीबीजी बनाने की तकनीक को अपनाया है. इसके लिए प्रदेश में 100 से ज्यादा सीबीजी प्लांट लगाने की तैयारी कर ली गई है. सीबीजी प्लांट में पराली से ईंधन तैयार होगा. इससे जुड़ा पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है. इसमें सीबीजी प्लांट के माध्यम से ईंधन बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में किसानों से पराली खरीदी जा रही है.
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खरीफ और रबी की प्रमुख फसल धान और गेहूं की कटाई के बाद अगली फसल की तैयारी के लिए किसान मजबूरी में गेहूं और धान की पराली जलाते हैं. इसके कारण वायु प्रदूषण बढ़ने से शहरी इलाकों में संकट बढ़ जाता है. योगी सरकार ने इस समस्या का स्थाई हल निकालने के लिए सीबीजी प्लांट लगाने के विकल्प को अपनाया है. सरकार ने UP Bio Energy Policy 2022 के ड्राफ्ट में Crop Residue से बनने वाली Bio CNG और सीबीजी इकाइयों को कई तरह से प्रोत्साहन देने का प्रावधान किया गया है.
इस नीति के तहत योगी सरकार सूबे के हर जिले में कम से कम एक सीबीजी प्लांट लगाने की मंशा जाहिर की है. इसी कड़ी में गोरखपुर के धुरियापार में इंडियन ऑयल का सीबीजी प्लांट गत 8 मार्च को शुरू हो चुका है. इस मौके पर पुरी ने यूपी में सीबीजी प्लांट की वर्तमान संख्या 10 को बढ़ाकर 100 तक ले जाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की. इसे पूरा करने के लिए योगी सरकार ने रोडमैप तैयार कर लिया है.
जानकारों का मानना है कि 165 करोड़ रुपये की लागत वाला गोरखपुर का सीबीजी प्लांट पर्यावरण की रक्षा करने, किसानों की आमदनी बढ़ाने और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा प्रयास है. इस प्लांट में रोजाना धान की 200 मीट्रिक टन पराली, 20 मीट्रिक टन प्रेसमड और 10 मीट्रिक टन मवेशियों के गोबर का उपयोग होगा. इससे प्लांट में प्रतिदिन लगभग 20 मीट्रिक टन बायोगैस और 125 मीट्रिक टन जैविक खाद का उत्पादन होगा.
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यूपी सरकार की ओर से बताया गया कि सीबीजी प्लांट से जो बायोगैस मिलेगी, उससे Energy Requirement की पूर्ति होगी. साथ ही सीबीजी प्लांट से मिलने वाली जैविक खाद से Agriculture Production बढ़ाने में मदद मिलेगी. इस प्रकार सीबीजी प्लांट के माध्यम से ऊर्जा क्षेत्र में भी अन्नदाता किसानों की बड़ी भूमिका सुनिश्चित होगी. ऊर्जा उत्पादन की कड़ी बनकर किसान अतिरिक्त आय भी कर सकेंगे. साथ ही पराली जलाने से बचने के कारण Environment Protection में भी मदद मिलेगी.
सीबीजी प्लांट को प्रोत्साहित करने के साथ ही सरकार ने तय किया है कि वह धान की पराली को बायो कंपोस्ट में बदलने के लिए प्रदेश के किसानों को 17 लाख Bio Di Composer उपलब्ध कराएगी. सरकार इस मुहिम से किसानों को जोड़ने के लिए जागरूकता अभियान भी चला रही है. इसमें किसानों को पराली जलाने के दुष्प्रभावों से अवगत कराया जा रहा है. जिससे किसान पराली को जलाने से बच कर, न केवल अपने खेतों की मिट्टी को खराब होने से बचा सकेंगे, बल्कि पराली बेचकर अपनी आय बढ़ा सकेंगे.
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