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Women empowerment : गांव की महिलाओं ने सरकार को कमा कर दिए 400 करोड़ और खुद कमाए 6 करोड़ रुपये

Women empowerment : गांव की महिलाओं ने सरकार को कमा कर दिए 400 करोड़ और खुद कमाए 6 करोड़ रुपये

यूपी के ग्रामीण इलाकों में आजीविका के लिए चलाई जा रही योजनाओं में शामिल होकर गांव की महिलाएं न केवल खुद काे आत्मनिर्भर बना रही हैं, बल्कि सरकारी खजाने को भी समृद्ध कर रही हैं. ग्रामीण आजीविका मिशन के तमाम प्रयोगों की कामयाबी का सि‍लसिला आगे बढ़ाते हुए यूपी के गांवों में बिजली का बिल जमा नहीं होने की पुरानी समस्या का समाधान गांव की ही महिलाओं ने दे दिया है.

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यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हाल ही में विद्युत सखी पोर्टल लांच किया, फोटो: यूपी सरकार यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हाल ही में विद्युत सखी पोर्टल लांच किया, फोटो: यूपी सरकार

एक समय था, जब यूपी सहित देश के तमाम राज्यों में सरकारों के लिए ग्रामीण इलाकों से बिजली के बिल की वसूली करना नामुमकिन हो गया था. बिजली के बिलों का बकाया बहुत अधिक हो जाने के बाद राज्य सरकारों के सामने बिल माफी की घोषणा करके सियासी फायदा लेने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था. दुश्वारियों भरे इन हालात के बीच यूपी की ग्रामीण महिलाओं ने ही इस समस्या का हल खोज निकाला है. योगी सरकार ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को बिजली के बिल जमा कराने की जिम्मेदारी सौंप कर बिल वसूली के एवज में बतौर कमीशन उन्हें कुछ पैसा देने की पहल की है. ऐसा करके सरकार ने बिल भुगतान न होने की समस्या का समाधान खोज निकाला है. यूपी के गांवों में इन महिलाओं की पहचान विद्युत सखी के रूप में है. यूपी की 'विद्युत सखियों' ने बिजली के बिल जमा करवा कर सरकारी खजाने में 400 करोड़ रुपये का इजाफा किया और खुद भी 6 करोड़ रुपये कमा कर अपने परिवार को वित्तीय मजबूती प्रदान की.

एसएचजी की महिलाओं ने की सरकार की राह आसान

यूपी के उपमुख्यमंत्री और ग्राम्य विकास मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गांवों में जनभागीदारी से चल रही योजनाओं की समीक्षा के आधार पर विद्युत सखियों की इस उपलब्धि को उजागर किया. उन्होंने बताया कि महज 2 साल पहले इस प्रयोग की शुरुआत करते हुए महिलाओं के स्वयं सहायता समूह की सदस्यों को बतौर विद्युत सखी तैनात कर बिजली के बिल जमा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई.

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मौर्य ने बताया कि यूपी में विद्युत सखी कार्यक्रम 2020 में लागू किया गया था. इसमें स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को आय के अतिरिक्त अवसर मुहैया कराने के लिए गांव में बिजली के बिल जमा कराने के लिए तैनात कर दिया गया. शुरुआती प्रयोग सफल होने के बाद प्रदेश के सभी 75 जिलों में बिजली बिल कलेक्शन के लिए अब 15521 विद्युत सखियों का पंजीकरण हो गया है. इनमें से 10,091 विद्युत सखियां सक्रिय रूप से बिल कलेक्शन कर रही हैं.

मोबाइल एप से हो रहा पूरा काम

सरकार ने बिल भुगतान की प्रक्रिया को ऑनलाइन बनाने के क्रम में ग्रामीण इलाकों को भी शामिल किया है. मौर्य ने कहा कि पारदर्शी बिलिंग प्रक्रिया सुनिश्चित करने में मोबाइल एप का विकल्प ज्यादा कारगर और सहूलियत भरा है. इस कारण गांव में बिजली के बिल की वसूली के लिए विद्युत सखी' नामक मोबाइल एप शुरू किया गया.

इस ऐप के माध्यम से विद्युत सखियां गांवों में बिजली के बिल जमा कराने में लोगों की मदद भी करती हैं और बिल कलेक्शन भी करती हैं. उन्होंने बताया कि इससे घर बैठे बिजली का बिल जमा हो गांव वालों की सहूलियत भी बढ़ी है और महिलाओं को आय का साधन मिला है. साथ ही सरकार के राजस्व में भी इजाफा हुआ है. विद्युत सखी के कामकाज पर राज्य सरकार द्वारा निगरानी की जाती है.

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वसूली के एवज में मिलता है कमीशन

यूपी राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक सी इंदुमती ने बताया कि विद्युत सखियों को मोबाइल एप से बिजली के बिल की वसूली करने से पहले इसके इस्तेमाल सहित अन्य पहलुओं की जरूरी जानकारियां देने के लिए प्रश‍िक्ष‍ित किया जाता है. उन्होंने बताया कि विद्युत सखियों को ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर ट्रेनिंग देकर बिजली उपभोक्ताओं की बिलिंग संबंधी दिक्कतों का समाधान करने सहित अन्य संबद्ध विषयों की जानकारी दी जाती है.

उन्होंने बताया कि इसके बाद विद्युत सखियों को फील्ड में भेजा जाता है. उन्होंने बताया कि बिल वसूली के एवज में विद्युत सखियों को ग्रामीण क्षेत्रों में 2000 रुपये तक के विद्युत बिल पर 20 रुपये कमीशन मिलता है. जबकि 2000 रुपये से अधिक के बिल पर 1 प्रतिशत अतिरिक्त कमीशन मिलता है. वहीं शहरी क्षेत्र में 3000 रुपये तक के बिल की वसूली पर 12 रुपये और 3000 रुपये से अधिक के बिल के कलेक्शन पर 0.4 प्रतिशत अतिरिक्त कमीशन मिलता है.