यूपी में योगी सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना यानी आरकेवीवाई का लाभ किसानों तक पहुंचाने हेतु इस योजना को बेहतर तरीके से लागू कराने की जिम्मेदारी राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति को सौंपी है. राज्य के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में गठित इस समिति की बैठक में किसान पाठशालाओं के आयोजन सहित अन्य प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है. बैठक में तय किया गया कि रबी और खरीफ की मुख्य फसलों गेहूं और धान की उत्पादकता बढ़ाने और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से किसानों को अवगत कराने सहित अन्य पहलुओं पर प्रदेश में किसान पाठशालाएं आयोजित की जाएंगी. बैठक में बीते वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान आरकेवीवाई में किए गए कामों की विभागवार प्रगति की समीक्षा भी की गयी. इसमें पिछले साल इस योजना की समग्र प्रगति एवं 89 प्रतिशत व्यय पर संतोष व्यक्त किया गया. साथ ही औसत प्रगति से कम व्यय करने वाले विभागों को चालू वित्त वर्ष 2023-24 में तेज गति से काम करने का निर्देश भी दिया गया है.
समिति ने किसानों को उन्नत तकनीक से लैस करने के लिए किसान पाठशाला अभियान को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया है. इसके लिए प्रदेश की 17 हजार ग्राम पंचायतों में किसान पाठशाला आयोजित होंगी. इसमें खरीफ सीजन में धान और आगामी रबी सीजन में गेहूं के उत्पादन को बेहतर बनाने, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने में किसानों को सक्षम बनाने तथा उन्नत तकनीक एवं बीजों का इस्तेमाल करते हुए किसान कल्याण की तमाम योजनाओं का लाभ उठाने के लिए किसानों को जागरूक किया जाएगा.
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इसी प्रकार सहकारिता विभाग की 127 पैक्स पर 250 मीट्रिक टन के 24 गोदाम एवं 100 मीट्रिक टन के 103 गोदाम बनाने, 266 पैक्स पर माइक्रो एटीएम मशीनें लगाने, पीसीएफ के 24 गोदाम बनाने एवं 2400 पावर डस्टर खरीदने को भी मंजूरी दे दी गई है. इन सभी कामों के लिए समिति ने 110 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी है.
सरकार ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के कारण किसानों के लिए बागवानी खेती को उपयुक्त माना है. इससे न केवल किसानों की आय में इजाफा हो सकता है, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं में फसलों के व्यापक नुकसान को न्यूनतम भी किया जा सकता है. इसके मद्देनजर आरकेवीवाई के तहत राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एनएचएम) चलाया जा रहा है.
बागवानी को बढ़ावा देने वाले इस मिशन में यूपी के लगभग 3 दर्जन जिले शामिल किए गए हैं. समिति ने एनएचएम से बाहर रखे गए यूपी के 30 जिलों में भी बागवानी से किसानों को जोड़ने की मंजूरी दी है. इस काम के लिए समिति ने 35 करोड़ रुपये की कार्ययोजना को स्वीकृत किया है. इसके अलावा उद्यान विभाग द्वारा संचालित प्रदेश के 21 जनपदों में पान की खेती के प्रोत्साहन हेतु 2 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है.
समिति ने यूपी के 44 गन्ना उत्पादक जनपदों में किसानों को अनुदान पर गन्ना की उन्नत प्रजातियों के बीज एवं तकनीकी कौशल देने के लिए 25 करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी दी है. इसके साथ ही कानपुर स्थित चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के तहत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र (औरैया) को प्रशासनिक भवन का निर्माण कराने के लिए 3 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.
समिति ने प्रदेश के विन्ध्य एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र में दलहन उत्पादक 13 जनपदों में छुट्टा जानवरों से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए किसानों की मदद करने को भी मंजूरी दी है. इसके तहत फसल सुरक्षा पर अगले 03 सालों में 39.47 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसमें से चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 7.89 करोड़ रुपये की धनराशि समिति ने मंजूर की है.
गौरतलब है कि विन्ध्य एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र में दलहनी फसलों को आवारा जानवरों से व्यापक पैमाने पर नुकसान होता है. इससे किसानों को कम उत्पादन मिलने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
इसके अलावा समिति ने लखनऊ विश्वविद्यालय में औषधीय मशरूम उत्पादन इकाई की स्थापना करने एवं इसके प्रचार-प्रसार हेतु 1.87 करोड़ रुपये की परियोजना को अनुमोदित कर दिया है. समिति ने मिट्टी की सेहत एवं उर्वरता कार्यक्रमों के लिए 36.47 करोड़ रुपये, रेनफेड एरिया डेवलपमेंट के अन्तर्गत समेकित कृषि आधारित कार्यक्रमों के लिए 63.54 करोड़ रुपये, प्रदेश में जैविक खेती से जुड़ी परम्परागत कृषि विकास योजना एवं नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत कृषि विभाग एवं यूपी डास्प के कार्यक्रमों को संचालित करने के लिए 300.55 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.
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समिति ने यूपी में खेती के यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के मिशन काे गति प्रदान करने पर जोर दिया है. इसके लिए समिति ने 'Mission on Agriculture Mechanization' के अंतर्गत कृषि यंत्रों पर अनुदान देने के लिए 250 करोड़ रुपये एवं फसल अवशेष प्रबंधन हेतु कृषि यंत्रों पर अनुदान हेतु 150 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.
इसके अलावा पानी की बचत करने वाली सिंचाई तकनीक को बढ़ावा देने के लिए 'Per drop more crop' कार्यक्रम के तहत micro irrigation एवं खेत तालाब योजना प्रदेश में चलाई जा रही है. इन योजनाओं के लिए समिति ने 694.19 करोड़ रुपये जारी करने को मंजूरी दी है. इतना ही नहीं, 'Agro Forestry Program' के अन्तर्गत किसानों के खेतों पर पौधरोपण को इस साल भी बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए समिति ने 15 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.
समिति ने फसल विविधीकरण कार्यक्रम यानी crop diversification program के अन्तर्गत पश्चिमी यूपी के 11 जनपदों में धान की खेती और एटा, कासगंज एवं फर्रुखाबाद जिलों में तम्बाकू की खेती के रिप्लेसमेंट के लिए 33.55 करोड़ रुपये जारी करने का अनुमोदन किया है. इस प्रकार आरकेवीवाई के तहत इस वर्ष प्रदेश में कुल 1543.31 करोड़ रुपये के किसान हितैषी कार्यक्रम चलाए जाएंगे. बैठक में यूपी के अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
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