देशभर के किसानों को आगामी खरीफ सीजन से पहले पीएम किसान सम्मान योजना यानी PMKSY की 14वीं किस्त मिलने का इंतजार है. यूपी में योगी सरकार ने 14वीं किस्त आने से पहले इस योजना में शामिल होने से वंचित रह गए प्रदेश के लाखों किसानों के लिए योजना का लाभार्थी बनने के लिए 22 मई से 10 जून तक संतृप्तीकरण अभियान चलाया था. दरअसल यह योजना शुरू होने के बाद यूपी में लाखों किसान ऐसे पाए गए थे, जो इस योजना के पात्र न होते हुए भी लाभार्थी बन गए थे. ऐसे अपात्र किसानों को योजना से बाहर कर योगी सरकार ने पात्र किसानों को इस योजना में शामिल होने का एक और अवसर देने के लिए यह अभियान चलाया है. इसके तहत हर गांव में शिविर लगाकर पात्र किसानों को योजना का लाभार्थी बनाने के लिए सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं. इन शिविरों में राजस्व एवं कृषि विभाग तथा बैंक सहित अन्य संबद्ध महकमों के अधिकारी पात्र किसानों को लाभार्थी बनाने में मदद करते हैं. जिससे कोई भी पात्र लाभार्थी किसान इस योजना का लाभ पाने से वंचित न रह जाए. हर पात्र किसान को योजना का लाभार्थी बनने के लिए आवेदन करने की तारीख बढ़ा कर 23 जून कर दी गई है.
यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त पात्र किसानों को योजना का लाभ दिलाने के लिए वृहद संतृप्तीकरण अभियान की समय सीमा 10 जून तक थी, इसे पहले 13 जून तक बढ़ाया गया. इस दौरान अभियान की समीक्षा में पाया गया कि प्रदेश में योजना के पात्र किसान अभी भी इसमें शामिल होने से रह गए हैं.
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उन्होंने स्पष्ट किया कि अब अभियान की विस्तारित अवधि में गांव के बजाए तहसील मुख्यालयों पर शिविर लगाकर किसानों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा. अभी तक ये शिविर हर ग्राम पंचायत में लगाए जा रहे थे. शिविर में जिन किसानों ने आवेदन किया है और उनके आवेदन में कोई कमी रह गई है, उसे 23 जून तक तहसील मुख्यालय पर लगने वाले शिविर में दूर किया जाएगा.
शाही ने बताया कि इस योजना में 14वीं किस्त के भुगतान से पहले सभी पात्र लाभार्थियों के लिए दस्तावेजों की ऑनलाइन केवाईसी कराना अनिवार्य कर दिया गया है. साथ ही नए लाभार्थियों को भी पीएम किसान पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना जरूरी है. इसके लिए जमा होने वाले दस्तावेजों का भी ऑनलाइन सत्यापन किया जा रहा है. यह प्रक्रिया पूरी करने में किसानों की मदद के लिए ही यूपी सरकार ने संतृप्तीकरण अभियान चलाया है.
इसमें किसानों का भूलेख अंकन होना, उनके खातों का आधार सीडिंग, एनपीसीआई लिकिंग होना तथा ई-केवाईसी होना अनिवार्य किया गया है. अभियान की विस्तारित अवधि में तहसील स्तर पर किसानों की सुविधा हेतु शिविरों का आयोजन किया जा रहा है. शाही ने सभी पात्र किसानों से इस सुविधा का लाभ उठाने की अपील करते हुए कहा है कि जिन किसानों का विरासत के आधार पर खतौनी में नया नाम चढ़ा है, वे भी जन सेवा केन्द्रों अथवा मोबाइल एप के माध्यम से नया पंजीकरण कर सकते हैं.
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शाही ने बताया कि 22 मई से 10 जून तक प्रदेश में चले संतृप्तीकरण अभियान में ग्राम पंचायत स्तर पर कुल 63,311 शिविरों का आयोजन किया गया. इनमें कृषि, राजस्व, ग्राम विकास एवं पंचायतीराज विभाग, जन सेवा केन्द्र के प्रतिनिधियों एवं इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग कर किसानों की मदद की.
इन शिविरों में आवेदन संबंधी कुल 22 लाख 74 हजार 940 किसानों की शिकायतें प्राप्त हुई. इनमें से 18 लाख 32 हजार 5 शिकायतों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया. इनमें से ईकेवाईसी संबंधी 4,40,904 समस्याओं, भूलेख अंकन संबंधी 5,06,338 तथा आधार सीडिंग संबंधी 4,32,959 समस्याएं प्राप्त हुई. इनमें से ई-केवाईसी संबंधी 3,60,171, भूलेख अंकन संबंधी 4,10,154 तथा आधार सीडिंग संबंधी 3,50,090 शिकायतों का समाधान किया गया.
शाही ने बताया कि अभियान के दौरान डाकघर के माध्यम से इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के प्रतिनिधियों द्वारा 2,88,595 किसानों के आधार सीडेड खाते खोले गये. इसके अलावा ई-केवाईसी की प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा विकसित मोबाइल एप के माध्यम से 39,320 किसानों की फोटो खींचकर फेशियल ई-केवाईसी भी करायी गयी.
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