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PM Kisan Samman : बाद में पात्र पाए गए किसानों को मिलेगा पिछली किस्तों का पैसा

PM Kisan Samman : बाद में पात्र पाए गए किसानों को मिलेगा पिछली किस्तों का पैसा

देश में छोटी जोत के किसानों को कृष‍ि लागत में वित्तीय मदद देने के लिए मोदी सरकार ने दिसंबर 2018 में 'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' शुरू की थी. देश के सबसे बड़े राज्य यूपी के ढाई करोड़ से ज्यादा किसान इस योजना के दायरे में आ गए हैं. शेष पात्र किसानाें को भी इसका लाभार्थी बनाने के लिए यूपी की योगी सरकार ने एक बड़ा अभ‍ियान शुरू करते हुए बाद में पात्र बने किसानों को पिछली किस्ताें की राश‍ि भी देने की घोषणा की है. 

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यूपी में पीएम किसान सम्मान योजना का संतृप्तीकरण अभ‍ियान शुरू करते सीएम योगी, फोटो: यूपी सरकार यूपी में पीएम किसान सम्मान योजना का संतृप्तीकरण अभ‍ियान शुरू करते सीएम योगी, फोटो: यूपी सरकार

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम किसान सम्मान निध‍ि योजना में शामिल होने से बचे रह गए पात्र किसानों को गांव गांंव जाकर लाभार्थी बनाने की मुहिम शुरू करते हुए भरोसा दिलाया है कि 10 जून तक एक भी पात्र किसान इस योजना से बाहर नहीं रहेगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब तक इस योजना में शामिल होने से वंचित रह गए किसानों को योजना में शामिल किए जाने के बाद पिछली किस्तों का भी भुगतान किया जाएगा. इस योजना में यूपी के अब तक 2.63 करोड़ पात्र किसानों को शामिल किया जा चुका है. केन्द्र सरकार की ओर से इस योजना के लाभार्थी किसानों को 13 किस्तों में 2 हजार रुपये की राश‍ि दी जा चुकी है. यूपी के लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में इस योजना के माध्यम से अब तक‍ 55,800 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.

योगी ने किया बड़ा ऐलान

पीएम किसान सम्मान निध‍ि योजना में यूपी सहित अन्य राज्यों के ऐसे किसान शामिल हो गए थे, जो वास्तव में इस योजना के पात्र नहीं थे. इनकी धरपकड़ के लिए चलाए गए गए अभ‍ियान के बाद अकेले यूपी में 60 लाख अपात्र किसानों को योजना से बाहर कर उन्हें जारी की गई राश‍ि को वसूला गया. योगी ने बुधवार को इस योजना के पात्र किसानों को इसमें शामिल करने के लिए संतृप्तीकरण अभ‍ियान शुरू करते हुए कहा कि तकनीक का इस्तेमाल कर, न केवल भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है, बल्कि योजना के हकदार किसानों को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ भी पहुंचाया जा सकता है.

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योगी ने कहा कि इस योजना में शामिल होने से रह गए पात्र किसानों को योजना का लाभार्थी बनाने के लिए सरकार ने गांव गांव जाकर जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने में किसानों की मदद करने की बड़ी मुहिम शुरू की है. योगी ने भरोसा दिलाया कि आगामी 10 जून तक इस योजना के सभी पात्र किसानों को इसके दायरे में शामिल कर लिया जाएगा. उन्होंने क‍हा कि अन्नदाता किसान को समय पर बीज़ और खाद नही मिल पाता था. इसलिए किसान हमेशा परेशान रहते थे. इस परेशानी को दूर करना हमारे लिए चुनौती थी, पीएम किसान सम्मान निध‍ि ने इस चुनौती को आसान बना दिया.

तकनीक से हो रहा बदलाव

योगी ने वास्तविक हितधारकों तक उनके हक का पैसा एवं अन्य सुविधाएं पहुंचाने में तकनीक के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी बदौलत ही यूपी के 2.63 करोड़ किसान इस योजना से लाभान्वित हो रहे है. उन्होंने कहा कि तकनीक की बदौलत ही कृषि विभाग में व्यापक बदलाव हो सके हैं. इसका लाभ अन्नदाता किसान को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तकनीक की बदौलत उन्नत किया जा रहा है. इसमें किसान सम्मान निध‍ि के लाभार्थी ही नहीं, बल्कि बीसी सखी और ग्राम सचिवालय भी इसके उदाहरण है.

22 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचित किया

सीएम योगी ने कहा कि किसानों को समृद्ध बनाने के लिए सरकार ने तकनीक और समर्पण भाव को मूल हथि‍यार बनाया है. उन्होंने कहा कि पिछले 9 सालों में दुनिया ने भारत और भारत के किसान को बदलते देखा है. पहली बार किसान और श्रमिक, देश के विकास के एजेंडे में शामिल हुए.

उन्होंने कहा कि किसान और श्रमिक किसी जाति या मजहब के नहीं होते हैं. किसान और श्रमिकों के नाम के पहले नारे लगते थे,लेकिन उन्हे कभी शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल सका. अब तकनीक और शासन के समर्पण भाव की बदौलत यह सब कुछ संभव हो पाया है. इसका एक और नतीजा यह रहा कि यूपी में 2017 से 2022 तक 'पीएम कृषि सिंचाई योजना' के अंतर्गत 22 लाख हेक्टेयर जमीन को अतिरिक्त सिंचाई योजना से युक्त कर सिंचित बनाया गया.

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संतृप्तीकरण अभ‍ियान के लाभ

योगी ने कहा कि पीएम किसान योजना, पात्र किसानों से पूरी तरह संतृप्त नहीं हो सकी थी, इसलिए संतृप्तीकरण अभ‍ियान चलाया जा रहा है. इस मुहिम में प्रदेश की सभी 55 हजार ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है. जिससे 22 मई से 10 जून तक चलने वाली इस मुहिम में शत प्रतिशत पात्र किसान इस योजना से लाभान्वित हो सकें. उन्होंने कहा कि अपात्र लोगों को इस योजना में आने से रोकने के लिए किसानों से ई केवाईसी कराना, बैंक खाते से आधार लिंक कराना और भू अभिलेखों को पीएम पोर्टल पर अपलोड कराना अनिवार्य कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि इस मुहिम के तहत हर गांव में शिविर लगाकर ये तीनों अनिवार्य जरूरतें पूरी कराई जाएंगी. इससे पात्र किसानों काे बैंक, राजस्व विभाग और अन्य विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. इस प्रकार इस अभियान में बैंक, पोस्ट ऑफिस, कृषि और राजस्व विभाग के लोग जुट कर हर गांव में पात्र किसानों को इस योजना से जोड़ने के महाअभियान को पूरा करेंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए हर गांव में प्रचार प्रसार कर इस मुहिम को आगे बढ़ाने का काम शुरू किया जा चुका है. 

योगी ने कहा कि इस मुहिम के दौरान किसानों की ओर से की जाने वाली शिकायतों का भी तत्काल समाधान होगा. गौरतलब है कि यूपी में 2.6 करोड़ किसान इस योजना के लाभार्थी के रूप में सम्मान निधि की कम से कम एक किस्त ले चुके हैं. इस मद में अब तक 55,882 करोड़ रुपये का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किसानों को किया जा चुका है. इसके तहत 2.20 करोड़ पात्र किसानों के भूलेख विवरण को सत्यापित कर पीएम किसान पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है. साथ ही 1.84 लाख किसानों की ई केवाईसी हाे चुकी है और 2.19 करोड़ के आधार कार्ड बैंक से लिंक हो चुके हैं. 

उन्होंने बताया कि किसानों का फेशियल ई केवाईसी कराने के लिए केन्द्र सरकार ने एक मोबाइल ऐप विकसित किया है. इसका उपयोग कर किसान स्वयं अपना और अन्य किसानों की ई केवाईसी कर सकेंगे. संतृप्तीकरण शिविर में भी इसी ऐप का उपयोग किया जाएगा.