UP News: यमुना एक्सप्रेसवे पर नई योजनाओं के माध्यम से योगी सरकार विकास की रफ्तार को और तेज करने में जुटी है. इसी क्रम में शुक्रवार को यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा में बन रहे एमएसएमई, टॉय और हैंडीक्राफ्ट पार्क में कुल 109 भूखंडों के आवंटन के लिए ड्रॉ का आयोजन किया. इस ड्रॉ के माध्यम से प्राधिकरण ने कुल 16,498 करोड़ रुपए का निवेश जुटाया है. इससे 5 हजार से ज्यादा रोजगार का सृजन होगा. ड्रॉ में भूखंड पाने वाले भाग्यशाली एंटरप्रेन्योर्स को प्राधिकरण 6 माह में भूखंड का पजेशन देगा जिस पर वह अपने उद्यम लगा सकेंगे.
6 माह में मिलेगा पजेशन
ड्रॉ के सफल आयोजन पर खुशी जताते हुए यीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अरूणवीर सिंह ने बताया कि इस योजना के तहत 4 हजार वर्ग मीटर तक के भूखंडों के लिए ड्रा निकाला गया. इसमें 300 वर्ग मी. से लेकर 4000 वर्ग मी. क्षेत्रफल के भूखंड शामिल थे. यह भूखंड सेक्टर 29, 32 और 33 में स्थित हैं जो एमएसएमई, टॉय और हैंडीक्राफ्ट पार्क से जुड़े हैं. यहां पर पहले से ही विकास कार्य किए जा रहे हैं. काफी बड़ी संख्या में निवेशकों ने इसमें रुचि दिखाई है. उन्होंने बताया कि ड्रा के दौरान उनकी एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी यहां मौजूद थे. इस ड्रा में सफल हुए सभी लोगों को बधाई देता हूं और यीडा में अपनी इंडस्ट्री लगाने के लिए उन्हें आमंत्रित करता हूं. हमारा प्रयास होगा कि आगामी 6 माह में हम उन्हें पजेशन दे सकें.
स्टार्टअप के लिए भी 4 भूखंडों पर निकाला ड्रॉ
योजना के तहत पी-3 स्थित सामुदायिक केंद्र में स्थित कुल 109 भूखंडों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. इसमें कुल 3276 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें 3234 को अर्ह पाया गया है. 109 भूखंडों में 105 जनरल, जबकि 4 स्टार्ट अप श्रेणी में रहे. जनरल श्रेणी में 3095 अर्ह आवेदक तो स्टार्ट-अप श्रेणी में कुल 139 अर्ह श्रेणी के अर्ह आवेदकों ने बोली में हिस्सा लिया. जिन भूखंडों पर बोली लगी, उसमें टॉय पार्क के लिए कुल 5, हैंडीक्राफ्ट, ओडीओपी, हैंडलूम और फर्नीचर के लिए कुल 41 और एमएसएमई के लिए 63 भूखंड शामिल थे.
फूड प्रोसेसिंग- ग्रीन एनर्जी और बहुत कुछ...
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन एनर्जी, ईवी, टेक्सटाइल, डेटा सेंटर, फूड प्रोसेसिंग, सर्कुलर इकॉनमी, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित हर सेक्टर में उद्यमियों ने रुचि दर्शायी है. निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए यह अति आवश्यक है कि निवेशकर्ता से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखा जाए. उनकी जरूरतों, अपेक्षाओं का तत्काल समाधान हो. एनओसी/क्लीयरेंस देने में अनावश्यक देरी न हो. सीएम ने कहा कि सभी अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव अपने विभागीय मंत्रीगण के नेतृत्व में अपने सम्बंधित विभागों को प्राप्त हर एक औद्योगिक निवेश प्रस्ताव की तत्काल समीक्षा करें.
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