उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को कृषि निदेशालय में विभागीय योजनाओं तथा कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक की गई. इस दौरान उन्होंने धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई तथा निर्देशित किया कि योजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध रूप से सुनिश्चित किया जाए ताकि किसानों को समय से योजनाओं का लाभ मिल सके.
समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने बीज वितरण, एनएफएसएम योजना, खेत तालाब योजना, त्वरित मक्का विकास योजना, परम्परागत कृषि विकास योजना तथा मिलेट्स कार्यक्रम सहित अन्य विभागीय योजनाओं की समीक्षा की. जिन योजनाओं में आवंटित बजट की धनराशि अभी तक व्यय नहीं की गई है, उन योजना पर कृषि मंत्री ने सख्त नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कृषि निदेशक जितेंद्र तोमर सहित अन्य योजना अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे सम्बन्धित योजनाओं हेतु आवंटित बजट को समय पर खर्च करना सुनिश्चित करें तथा समय-समय पर मॉनीटरिंग करते रहें.
इससे पहले उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि किसानों को खाद के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, फॉस्फेटिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है. कृषि मंत्री ने हिदायत देते हुए कहा, जिन किसानों को अभी फसलों की बुवाई नहीं करनी है, वो लोग अनावश्यक रूप से पहले से भंडारण करके खाद न रखें. गेहूं की बुवाई करने के लिए भी आवश्यकतानुसार फॉस्फेटिक उर्वरक समय से उपलब्ध कराया जा रहा है.
लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और पीसीएफ के साथ समीक्षा बैठक के दौरान कृषि मंत्री शाही ने सभी जिलों में डीएपी (एन-18, पी-46) जैसे फॉस्फेटिक उर्वरकों की आपूर्ति प्राथमिकता से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. शाही ने कहा कि बीते वर्ष खपत को ध्यान में रखते हुए जिन जनपदों में उर्वरकों की कमी है, उन जनपदों के लिए विशेष रूप से प्राथमिकता पर आ रहे उर्वकर को रेक प्वाइंट से सीधे पास के जनपदों में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.
शाही ने अफसरों को फील्ड में जाकर उर्वरक वितरण सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए के लिए कहा है. कालाबाजारी, ओवर रेटिंग और कोई भी क्रेता अपनी जोत/कृषि भूमि में बोई जाने वाली फसल से अधिक मात्रा में उर्वरको की खरीद न करे, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं. सूर्य प्रताप शाही ने कहा, सहकारी क्षेत्र में जहां उर्वरकों की कमी होने की संभावना हो, वहां पर संबिधित गोदामों से तत्काल आवश्यकता के अनुसार उर्वरक लेकर किसानों को विक्रय के लिए उपलब्ध कराया जाए. जिस क्षेत्र में, जिस समय फसलों की बुवाई का काम किसानों के द्वारा किया जा रहा हो, वहां पर भी प्राथमिकता के आधार पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं.
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