'सीएम रबर मिशन' को 5 साल बढ़ा सकती है त्रिपुरा सरकार, 60 हजार हेक्‍टेयर में होगी खेती

'सीएम रबर मिशन' को 5 साल बढ़ा सकती है त्रिपुरा सरकार, 60 हजार हेक्‍टेयर में होगी खेती

त्रिपुरा में सीएम रबर मिशन ने कुछ सालों में ही अच्‍छी खासी लोकप्र‍ियता हासिल कर ली है. इससे हजारों परिवारों की आज‍ीविका चल रही है. वहीं, अब सरकार इसे पांच साल और आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है. अगर मिशन आगे बढ़ा तो 60 हजार हेक्‍टेयर भूमि पर रबर की खेती की जाएगी और 60 हजार परिवारों को इस मिशन से जोड़ा जाएगा.

Advertisement
'सीएम रबर मिशन' को 5 साल बढ़ा सकती है त्रिपुरा सरकार, 60 हजार हेक्‍टेयर में होगी खेतीत्रिपुरा सरकार सीएम रबर मिशन को पांच साल के लिए बढ़ाने पर विचार कर रही है. (सांकेतिक तस्‍वीर)

त्रिपुरा में 'मुख्यमंत्री रबर मिशन' की सफलता को देखते हुए राज्य सरकार इस कार्यक्रम को अगले पांच साल के लिए बढ़ाने के बारे में सोच रही है. त्रिपुरा देश का दूसरा सबसे बड़ा रबर उत्पादक राज्‍य है. 2021-22 में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए शुरू की गई पहल को 2025-25 तक पूरा करने का लक्ष्य है. जनजातीय कल्याण निदेशक सुभाशीष दास ने बताया कि इस मिशन से अब तक कुल 56,400 परिवार जुड़ चुके हैं. मिशन के पहले चार साल के दौरान 46,086 हेक्टेयर जमीन पर रबर की खेती की गई. 

फ्री में दिए गए पौधे

सुभाशीष दास ने न्‍यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया कि मिशन के तहत रबर बोर्ड ने विभिन्न जिलों में क्‍वालिट वाले पौधों की सप्‍लाई, रोपण से पहले और बाद में प्रशिक्षण दिया. यही वजह है कि पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों के बीच यह मिशन बहुत लोकप्रिय हो गया. ऑटोमेटेड टायर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एटीएमए) ने भी इस मिशन को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है. एटीएमए ने चयनित लाभार्थियों को निशुल्‍क पौधे दिए तो वहीं, त्रिपुरा कल्याण विभाग ने बाड़ लगाने और खाद उपलब्ध कराने जैसी मदद की. 

ये भी पढ़ें - पराली जलाने के चौंकाने वाले आंकड़े, पंजाब और हरियाणा को पीछे छोड़ आगे निकला मध्य प्रदेश

60 हजार परिवारों को मिशन से जोड़ने की योजना

जनजातीय कल्याण निदेशक सुभाशीष दास ने कहा कि यह मिशन वित्तीय रूप से भी व्‍यवहारिक है और लोकप्रिय भी है, जिसके चलते विभाग इसे अगले पांच साल के लिए बढ़ाने पर विचार कर रहा है. उन्‍होंने कहा, "हम मिशन का पहला फेज़ पूरा होने के बाद 60,000 परिवारों के लिए रबर की खेती से जोड़ने की योजना बना रहे हैं, जबकि इस बार 60,000 हेक्टेयर भूमि पर खेती की प्‍लानिंग तैयार की जा रही है."

हाई-ग्रेड रबर लेटेक्स के लिए स्किल डेवलपमेंट

सुभाशीष दास ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादी भी रबर की खेती में रुचि देखा रहें है. यह आजीविका का एक अच्छा विकल्प है. उन्होंने कहा कि हाई-ग्रेड रबर लेटेक्स के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग साइज के इंटीग्रेटेड रबर प्रो‍सेसिंग सेंटर्स बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं. वहीं, लेटेक्स कलेक्‍शन में क्‍वालिटी बनाए रखने के लिए रबर टैपिंग में स्किल डेवलेपमेंट प्रोग्राम भी आयोजित किए गए है. 

रबर उत्‍पादन में केरल नंबर 1

भारत में प्राकृतिक रबर के उत्‍पादन में केरल पहले नंबर पर आता है. देश के कुल रबर उत्‍पादन का 75.70 प्रतिशत हिस्‍सा यहीं से आता है. केरल में साकोट्टायम और कोझिकोड में सबसे ज्‍यादा रबर की खेती की जाती है. इसके अलावा तमिलनाडु और नॉर्थ-ईस्‍ट के राज्‍यों में रबर का उत्‍पादन किया जाता है.

POST A COMMENT