Agriculture Income: एग्रीकल्चर इनकम पर क्या हैं आयकर नियम? कृषि आय के मामले में इनकम टैक्स कैसे दाखिल होगा?

Agriculture Income: एग्रीकल्चर इनकम पर क्या हैं आयकर नियम? कृषि आय के मामले में इनकम टैक्स कैसे दाखिल होगा?

आयकर नियमों के अनुसार कृषि आय को टैक्स से छूट दी गई है. लेकिन, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मुर्गीपालन, ऊन उत्पादन के लिए भेड़ पालन जैसी कुछ कृषि गतिविधियों से होने वाली इनकम को कृषि आय नहीं माना जाता है और इनसे होने वाली कमाई पर टैक्स लगाया जा सकता है. हालांकि, यह राज्य की नीतियों पर निर्भर करता है.

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Agriculture Income: एग्रीकल्चर इनकम पर क्या हैं आयकर नियम? कृषि आय के मामले में इनकम टैक्स कैसे दाखिल होगा?आयकर कानूनों के अनुसार कृषि आय इनकम टैक्स से मुक्त है.

आयकर अधिनियम 1961 के तहत एग्रीकल्चर इनकम यानी कृषि आय को टैक्स से छूट दी गई है. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मुर्गीपालन, ऊन उत्पादन के लिए भेड़ पालन जैसी कृषि गतिविधियों से होने वाली इनकम को कृषि आय नहीं माना जाता है. इसलिए ऐसी गतिविधियों से होने वाली कमाई पर टैक्स लगाया जा सकता है. हालांकि, कई राज्य अपने-अपने राज्य की नीति के अनुसार कृषि आय पर टैक्स लगाते हैं.

कृषि आय पर क्या कहते हैं आयकर नियम 

आयकर कानूनों के अनुसार कृषि आय इनकम टैक्स से मुक्त है. लेकिन, इसे आयकर रिटर्न (ITR) में दर्शाना आवश्यक है. स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आईटीआर में यह रिपोर्टिंग कृषि आय को टैक्सेबल यानी कर योग्य नहीं बनाती है. यह केवल कानून की पारदर्शिता और डॉक्यूमेंटेशन की आवश्यकताओं के लिए है कि इसकी सूचना दी जानी चाहिए.

इन कृषि कार्यों की कमाई को आइटीआर में दर्शाना चाहिए 

आयकर अधिनियम के अनुसार कुछ कृषि से जुड़ी गतिविधियों से होने वाली आय को कृषि आय नहीं माना जाता है और इनपर टैक्स लागू होता है. इन कृषि कार्यों में शामिल हैं- कृषि वस्तुओं के व्यापार से आय, वानिकी से आय, कृषि के लिए उपयोग नहीं की जाने वाली भूमि या इमारतों से किराये की आय, मुर्गीपालन से होने वाली कमाई, डेयरी से कमाई और पशुधन से होने वाली कमाई आदि को टैक्स के दायरे में रखा गया है. 

कृषि कमाई के मामले में कौन सा आईटीआर फॉर्म भरना होगा?

कृषि कमाई के मामले में आइटीआर फाइल करने वाले व्यक्ति को कमाई के हिसाब से दो तरह के फॉर्म को सेलेक्ट करना होता है. ऐसे व्यक्ति जिनकी कृषि आय 5,000 रुपये तक है उनको आईटीआर-1 यानी सहज फॉर्म का उपयोग करना चाहिए. यदि कृषि आय 5,000 रुपये से अधिक है तो आईटीआर-2 फॉर्म का उपयोग करना होगा.ऐसे करदाता प्रोफेशनल अकाउंटेंट की मदद से आइटीआर फाइल कर सकते हैं. 

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आइटीआर में कृषि आय का ब्योरा देने के लिए दिसंबर तक समयसीमा 

कृषि आय हासिल करने वाले व्यक्ति अपने आइटीआर में इसका जिक्र कर सकते हैं. जिन आयकरदाताओं ने फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए हासिल कृषि आय को आइटीआर में नहीं दर्शाया है वह 31 दिसंबर 2023 से पहले बिलेटेड आइटीआर फाइल करके यह काम कर सकते हैं. जबकि, जो आयकरदाता आइटीआर फाइल कर चुके हैं तो वह रिवाइज आइटीआर फाइल करते हुए कृषि आय का ब्योरा दे सकते हैं. 
 

 

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