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PM Fasal Bima Yojana का लाभ बटाईदार किसान भी ले सकते हैं, सेल्फ रजिस्ट्रेशन और कागजात की ये रही डिटेल्स

PM Fasal Bima Yojana का लाभ बटाईदार किसान भी ले सकते हैं, सेल्फ रजिस्ट्रेशन और कागजात की ये रही डिटेल्स

भारत में किसान रबी और खरीफ फसलों की खेती करते हैं. लेकिन कई बार जरूरत से ज्यादा बारिश होने या सूखा पड़ने से फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचता है. ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. इसी को देखते हुए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने 18 फरवरी, 2016 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की.

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज. (सांकेतिक फोटो) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज. (सांकेतिक फोटो)

भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां पर 75 फीसदी से अधिक आबादी गांवों में रहती है, जिसके लिए खेती-किसानी ही आजीविका का साधन है. इनमें से एक बहुत बड़ा वर्ग खेतिहर मजदूरों का है, जो खेतों में मजदूरी कर अपने परिवार का पेट भरते हैं. लेकिन ये मजदूर अब किराये पर जमीन लेकर खेती भी करने लगे हैं. इन्हें टेक्निकल भाषा में बटाईदार भी कहा जाता है. खास बात यह है इन बटाईदारों में से बहुत से लोगों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) को लाभ नहीं मिल पाता है. पर अब इन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. वे नीचे बताए गए तरीकों को अपनाकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैं.

दरअसल, भारत में किसान रबी और खरीफ फसलों की खेती करते हैं. लेकिन कई बार जरूरत से ज्यादा बारिश होने या सूखा पड़ने से फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचता है. ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. इसी को देखते हुए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने 18 फरवरी, 2016 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की. इस योजना का उदेश्य किसानों को किसी भी अनिश्चितता और फसलों के नुकसान से बचाना है. पीएमएफबीवाई योजना के अंतर्गत, किसान अपनी फसल का बीमा करवा सकते हैं. यदि बारिश, आंधी या प्राकृतिक आपदा से फसल बर्बाद होती है, तो किसानों को मुआवजा दिया जाता है.

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पीएमएफबीवाई योजना की मुख्य विशेषताएं

पीएमएफबीवाई योजना का मुख्य आदर्श वाक्य 'एक राष्ट्र, एक फसल, एक प्रीमियम' है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लक्ष्य सभी भारतीय किसानों को लागत प्रभावी प्रीमियम पर फसल बीमा प्रदान करना है. पीएमएफबीवाई योजना एक ऋणी किसान के लिए अधिसूचित फसलों के लिए फसल ऋण/केसीसी खाता प्राप्त करना अनिवार्य है. खरीफ खाद्य एवं तिलहन फसलों के लिए किसान द्वारा देय अधिकतम प्रीमियम 2 फीसदी होगा. रबी खाद्य और तिलहन फसल के लिए यह 1.5 प्रतिशत है और वार्षिक वाणिज्यिक या बागवानी फसलों के लिए यह 5 प्रतिशत होगा.

पीएमएफबीवाई के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • वोटर आईडी
  •  ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट
  • यदि खेत किसान के स्वामित्व में है, तो 'खसरा' कागज और खाता संख्या को एक साथ रखना होगा.
  • यदि फसल केवल खेत में बोई गई है. यानी किराये पर जमीन लेकर खेती की गई है, तो बटाईदार किसान को उसका साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा.
  • सबूत के तौर पर किसानों को प्रधान, सरपंच और पटवारी से एक पत्र लिखवाना होगा.

पीएमएफबीवाई पोर्टल पर इस तरह करें पंजीकरण 

  • अगर किसान पीएमएफबीवाई योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो वे घर बैठे खुद से ही इसके लिए पंजीकरण कर सकते हैं.
  • इसके लिए उन्हें पीएमएफबीवाई की आधिकारिक पोर्टल https://pmfby.gov.in/ पर जाना होगा.
  • यहां पर किसान को 'रजिस्टर' टैब पर क्लिक करना होगा.
  • फिर मांगी गईं सभी व्यक्तिगत और आधिकारिक जानकारी दर्ज करनी होंगी.
  • इसके बाद किसान को आधार नंबर और मोबाइल नंबर को सत्यापित करना होगा.
  • एक बार पंजीकरण स्वीकृत हो जाने पर किसान को अनुमोदन/अस्वीकृति पर एक एसएमएस या ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाता है.

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PMFBY फसल बीमा की दावा प्रक्रिया

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए दावा करने की प्रक्रिया बहुत ही आसान है. इसके लिए किसान को आपदा के 72 घंटों के भीतर फसल नुकसान की डिटेल्स बीमा कंपनी/संबंधित बैंक/स्थानीय कृषि विभाग या जिला अधिकारियों को देनी होगी. जैसे नाम, प्रभावित सर्वेक्षण संख्या-वार बीमा की गई फसल और प्रभावित रकबा. इसके अलावा किसान को एनसीआईपी पर आवेदन नंबर, मोबाइल नंबर, केसीसी खाता संख्या (ऋणी किसान के मामले में), या बचत बैंक खाता (गैर-ऋणी किसान के मामले में जैसा कि फसल बीमा के लिए आवेदन करते समय घोषित किया गया था) पहचान और सत्यापन की डिटेल्स देनी होगी. प्रीमियम भुगतान का सत्यापन पोर्टल से किया जाता है. यदि जरूरत हो तो इसे बैंक द्वारा सत्यापित किया जा सकता है. बैंक ऐसे किसी भी अनुरोध की प्राप्ति के अगले 48 घंटों के भीतर भुगतान सत्यापन प्रदान करता है.