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PMFBY: मौसम की मार से फसलें खराब... 4 फसल बीमा कंपनियाें ने घटाया जोखिम दायरा

PMFBY: मौसम की मार से फसलें खराब... 4 फसल बीमा कंपनियाें ने घटाया जोखिम दायरा

फसल बीमा कंपनियों की तरफ से बीमा जोखिम दायरे में कटौती तब की गई है, जब केंद्र सरकार लगातार कृषि सेक्‍टर में बीमा कवरेज का विस्‍तार करने की कोशिशों में जुटी हुई है.

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पीएम फसल बीमा याेजना के तहत बीमा कंपनियों ने कम किया जोखिम दायरा पीएम फसल बीमा याेजना के तहत बीमा कंपनियों ने कम किया जोखिम दायरा

मॉनसून पर अभी La Nina का असर दिखाई देना है, लेकिन इससे पहले ही देश के कई राज्‍यों में झमाझम से लेकर मूसलाधार बारिश का दौर शुरू हो गया है. आलम ये है कि बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश से देश के कई राज्‍यों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. इससे फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है. इन हालातों में किसानों की मुश्‍किलें बढ़ी हुई हैं और किसानों को पीएम फसल बीमा याेजना से मिलने वाले बीमा क्‍लेम से काफी उम्‍मीदें हैं, लेकिन इसके उलट 4 फसल बीमा कंपनियों की एक उलटबांसी सामने आई है, जिन्‍होंने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए जोखिम दायरे (Exposure) में कटौती की है.

फसल बीमा कंपनियों की तरफ से बीमा जोखिम दायरे में कटौती तब की गई है, जब केंद्र सरकार लगातार कृषि सेक्‍टर में बीमा कवरेज का विस्‍तार करने की कोशिशों में जुटी हुई है. इस साल फसल बीमा में अपना जोखिम कम करने वाली बीमा कंपनियों में एआईसी, न्यू इंडिया एश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस और एसबीआई जनरल शामिल हैं. ये भी बीमा कंपनियां सरकार के अधीन हैं.

बीमा कंपनियों ने 4.17 फीसदी कम किया जोखिम दायरा 

देश के कई राज्‍यों में मूसलाधार बारिश से फसलों को काफी नुकसान हुआ है. इस बीच अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्‍सप्रेस ने वित्तिय वर्ष 2024-25 में बीमा कंपनियों की तरफ से जोखिम दायरे में 4.1 फीसदी की कटौती करने संबंधी प्रकाशित की है. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक बीमा कंपनियों का पिछले वर्ष लिखित सकल प्रत्यक्ष प्रीमियम (ग्रास डायरेक्‍ट प्रीमियम) 32,011 करोड़ रुपये था, जो इस साल 4.17 फीसदी घटकर 30,677 करोड़ रुपये रह गया है. हालांकि पिछले साल लिखित सकल प्रत्यक्ष प्रीमियम में 8.66 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी, उससे पहले 29,465 करोड़ प्रीमियम जोखिम के तौर पर था.

AIC की प्रीमियम इनकम में 32 फीसदी की गिरावट

बेमौसम बारिश, बाढ़ की वजह से किसान परेशान हैं और उन्‍हें अपने नुकसान की भरपाई के लिए पीएम फसल बीमा योजना से उम्‍मीद है, लेकिन इधर बीमा कंपनियों अपना जोखिम दायरा कम कर रही है.मसलन, बीमा कंपनियों ने पिछले साल की तुलना में कुल 4.1 फीसदी का जोखिम दायरा कम किया गया है. इसके पीछे की वजह ये है कि एग्रीकल्‍चर इंश्योरेंस कंपनी (AIC) के लिखित प्रीमियम इनकम में 32 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. मालूम हो कि AIC का स्‍वामित्‍व राज्‍यों के पास है, जिसे देश की अग्रणी फसल बीमा कंपनी माना जाता है.

सामान्‍य बीमा परिषद् की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार AIC की लिखित प्रीमियम इनकम एक साल पहले 14,619 करोड़ रुपये थी, जो वित्त वर्ष 24-25 के दौरान 9,890 करोड़ रुपये रह गई है. वहीं दिलचस्‍प ये है कि AIC ने इस साल पीएम फसल बीमा योजना  के तहत रिकॉर्ड 12,353 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया था.

इसी तरह ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी ने भी वित्त वर्ष 24-25 में अपना जोखिम कम किया है. एक साल पहले ओरिएंटल इंश्‍योरेंस का बीमा जोखिम 1,752 करोड़ था, जो इस साल घटकर सिर्फ 8.94 करोड़ रुपये रह गया है. वहीं एसबीआई जनरल इंश्योरेंस ने भी अपना जोखिम कम किया है. देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी ने पिछले साल के 11.38 करोड़ रुपये के मुकाबले 34.41 करोड़ रुपये का नेगेटिव प्रीमियम अंडरराइट किया है.

सामान्‍य बीमा कंपनियों की आय में बढ़ोतरी 

 इंडियन एक्‍सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार बीता साल मौसम की वजह से किसानों को फसल नुकसान का सामना करना पड़ा. इससे मुद्रास्फीति के स्तर में वृद्धि हुई. हालांकि, दूसरी तरफ सामान्य बीमा कंपनियों की प्रीमियम आय में 19.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. मसलन, एक साल पहले सामान्‍य बीमा कंपनियों की प्रीमियम आय 17,391 करोड़ रुपये थी, जो बढ़कर 20,786 करोड़ रुपये दर्ज की गई है. हालांकि इस साल आठ सामान्य बीमा कंपनियों ने फसल बीमा से दूरी बनाए रखी. वहीं वित्तीय वर्ष 24 में लगभग 4 करोड़ किसानों को बीमा कवरेज के तहत कवर किया है.

क्‍या होता है बीमा जोखिम दायरा

बीमा जोखिम दायरे को आसान शब्‍दों में समझने के लिए बीमा कंपनियों के काम को समझना होगा. असल में किसान बीमा करवाते हैं, प्रीमियम का भुगतान होता है. फसल नुकसान होने पर बीमा क्‍लेम के माध्‍यम से किसानों को मुआवजे का भुगतान होता है. अब यहीं से बीमा जोखिम की शुरुआत होती है. असल में बीमा कंपनियां क्‍लेम भुगतान के लिए एक निर्धारित अमाउंट सुनिश्‍चित रखती हैं, जिसे बैंकिंग की शब्‍दावाली में जोखिम दायरे की श्रेणी में रखा जाता है. सीधे शब्‍दों में कहें तो नुकसान की संभावना वाले अमांउट को ही जोखिम दायरे के रूप में भी परिभाषित किया जा सकता है.