प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने रबी 2025-26 सीजन के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसलों के बीमा की प्रक्रिया शुरू कर दी है. मंत्रालय के अनुसार 1 दिसंबर से बीमा पंजीकरण प्रारंभ हो चुका है और इसकी अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2025 तय की गई है. किसानों से अपील की गई है कि वे समय सीमा से पहले अपनी फसलों का बीमा अवश्य करवाएं ताकि प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में उन्हें सुरक्षित लाभ मिल सके.
हरियाणा सरकार के एक प्रवक्ता ने चंडीगढ़ में बताया कि इस बार रबी सीजन में गेहूं, सरसों, जौ, चना और सूरजमुखी को बीमित फसलों की सूची में शामिल किया गया है. राज्य सरकार ने जिलावार बीमा कंपनियों को अधिकृत कर दिया है, जिनके माध्यम से योजना का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा.
बीमा करवाने के इच्छुक किसान अपने आधार कार्ड, बैंक पासबुक, नवीनतम भूमि रिकॉर्ड या जमाबंदी, बुआई प्रमाण पत्र और ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ विवरण के साथ संबंधित बैंक या नजदीकी सीएससी केंद्र में जाकर आवेदन कर सकते हैं. यह योजना सभी किसानों के लिए पूरी तरह स्वैच्छिक है.
प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई ऋणी किसान बीमा नहीं करवाना चाहता है तो उसे कट ऑफ डेट से 7 दिन पहले यानी 24 दिसंबर, 2025 तक अपने ऋणदाता बैंक में लिखित घोषणा देनी होगी. वहीं जिन किसानों ने फसल परिवर्तन किया है, वे 29 दिसंबर, 2025 तक अपने बैंक में इसकी जानकारी देकर फसल विवरण अपडेट करवा सकते हैं.
किसानों को सलाह दी गई है कि किसी भी अनिश्चित मौसम या प्राकृतिक आपदा से संभावित नुकसान को देखते हुए निर्धारित तिथि से पहले बीमा प्रक्रिया पूरी कर लें ताकि उन्हें आर्थिक सुरक्षा मिल सके.
इधर, हरियाणा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वित्त आयुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने राज्यभर में किसान-रजिस्ट्री और डिजिटल क्रॉप सर्वे को लागू करने की तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने बताया कि राज्य 1.78 करोड़ भूमि खंडों पर सर्वे के लिए टीमों को सक्रिय करने के लिए तैयार है. किसान-रजिस्ट्री कैंप 1 जनवरी 2026 से और डिजिटल क्रॉप सर्वे 1 फरवरी 2026 से शुरू किए जाएंगे. डॉ. मिश्रा ने विभागों को पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन 17 से 20 दिसंबर तक पूरी तरह कार्यात्मक बनाने के निर्देश दिए.
साथ ही सर्वे ऑफ इंडिया को शेष गांवों की ज्योमेट्री मैपिंग 16 दिसंबर तक जमा करने को कहा. उन्होंने स्पष्ट किया कि किसान-रजिस्ट्री सीधे पीएम किसान योजना से जुड़ी होगी, इसलिए समयबद्ध पंजीकरण अनिवार्य है. उन्होंने निगरानी तंत्र, संयुक्त बैठकों और हेल्प डेस्क स्थापना पर जोर देते हुए कहा कि यह पहल हरियाणा को डेटा-आधारित, पारदर्शी और किसान-केंद्रित शासन का मॉडल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today